नई दिल्ली, 6 मई 2025, मंगलवार। भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम हमले के बाद काफी तनाव है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई एक्शन लिए हैं। भारत के कड़े एक्शन से पाकिस्तान बिलबिला उठा है। भारत किसी भी युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए कमर कस रहा है। इस बीच, गृह मंत्रालय ने देश के 244 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल आयोजित करने का ऐलान किया है। इस महत्वपूर्ण कदम से पहले गृह सचिव ने आज सुबह 10:45 बजे एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश की टाइमिंग काफी अहम है क्योंकि ये निर्देश ऐसे समय में जारी किए गए हैं, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है और देश में कभी भी जंग छिड़ने जैसा माहौल है।
मॉक ड्रिल: युद्ध की स्थिति में तैयारियों का लिटमस टेस्ट
पहलगाम हमले के बाद बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस ड्रिल का मकसद युद्ध या आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारियों को परखना और मजबूत करना है। मंत्रालय ने मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में बताया कि इस दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का परीक्षण, बंकरों और खाइयों की सफाई, ब्लैकआउट जैसे आपात उपाय, और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा जैसे कदम उठाए जाएंगे।
इसके अलावा, वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संचार लिंक की जांच, नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण, और निकासी योजनाओं का रिहर्सल भी होगा। यह ड्रिल न केवल शहरों तक सीमित रहेगी, बल्कि गांव स्तर तक इसका आयोजन किया जाएगा, ताकि हर स्तर पर तैयारियां सुनिश्चित की जा सकें।
नागरिक सुरक्षा पर विशेष जोर
अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा, और होम गार्ड महानिदेशालय ने अपने पत्र में कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। ऐसे में नागरिक सुरक्षा को हर समय तैयार रखना जरूरी है। इस ड्रिल में जिला नियंत्रक, नागरिक सुरक्षा वार्डन, स्वयंसेवक, होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र संगठन, और स्कूल-कॉलेज के छात्र सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे। यह सामूहिक प्रयास न केवल तैयारियों को मजबूत करेगा, बल्कि आम नागरिकों में भी जागरूकता बढ़ाएगा।
पहलगाम हमला: तनाव की जड़
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि हमलावरों और उनकी साजिश रचने वालों को दुनिया के किसी भी कोने में छिपने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने दोषियों को कठोर सजा देने का संकल्प दोहराया।
मॉक ड्रिल के दौरान ये उपाय किए जाएंगे
- हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन
- शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों, छात्रों आदि को प्रशिक्षण।
- क्रैश ब्लैक आउट उपायों का प्रावधान
- महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं को समय से पहले छिपाने का प्रावधान
- निकासी योजना का अद्यतनीकरण और उसका पूर्वाभ्यास
जानिए मॉक ड्रिल क्या होता है?
बता दें कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति की तैयारी योजना की समीक्षा करना। इसके अलावा किसी भी स्थान पर मानक संचालन प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना। मॉक ड्रिल के दौरान सभी लोगों को किसी भी इमरजेंसी स्थिति के दौरान एक्शन लेने के लिए तैयार किया जाता है। मॉक ड्रिल के दौरान किसी आपात स्थिति के बारे में लोगों को बताया भी जाता है।
- मॉक ड्रिल एक प्रकार का ऐसा प्रोसेस है जो आपदा के आने पर कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए यह बताता है।
- इस दौरान संभावित गलतियों ओर जोखिमों की पहचान भी की जाती है।
- विभिन्न आपदा नियंत्रण विभागों के बीच समन्वय में सुधार भी होता है।
- इस दौरान दिखाया जाता है कि कैसे किसी आपात स्थिति में किसी ऊंची इमारत में फंसे लोगों को निकाला जा सकता है।
- यह आपदाओं का तुरंत जवाब देने की क्षमता को भी बढ़ाता है।