नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025, गुरुवार। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 बेकसूर लोगों की जान चली गई, और अब भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी TRF का हाथ होने की पुष्टि हुई है, जिसके बाद भारत ने निर्णायक कदम उठाने की ठान ली है।
आज शाम 6 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कांग्रेस सहित सभी प्रमुख विपक्षी दल हिस्सा लेंगे। इस बैठक में सरकार न केवल हमले की विस्तृत जानकारी साझा करेगी, बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ भावी रणनीति पर भी चर्चा करेगी। विपक्ष से भी सुझाव मांगे जाएंगे ताकि एकजुट होकर इस चुनौती का सामना किया जा सके।
CCS की बैठक में बड़े फैसले
हमले के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई कठोर फैसले लिए गए। भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता। इसके अलावा, अटारी चेकपोस्ट को बंद कर दिया गया है, और पाकिस्तानी नागरिकों के सभी SAARC वीजा रद्द कर दिए गए हैं। वर्तमान में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
सबसे बड़ा कदम नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के खिलाफ उठाया गया है। पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने और इसके सैन्य सलाहकारों को अवांछित घोषित कर एक हफ्ते में भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
कश्मीर में आतंक के खिलाफ ऑपरेशन जारी
पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन तेज हो गया है। TRF जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों को उजागर किया है।
आगे क्या?
सर्वदलीय बैठक में होने वाली चर्चा से यह स्पष्ट होगा कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ और कौन से कदम उठाएगा। यह बैठक न केवल राष्ट्रीय एकता का प्रतीक होगी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को भी दर्शाएगी। देश की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि भारत इस संकट का जवाब कैसे देता है। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि भारत अब और बर्दाश्त नहीं करेगा। पहलगाम का दर्द पूरे देश ने महसूस किया है, और अब समय है कड़े फैसलों और एकजुटता का।