नई दिल्ली, 24 मई 2025, शनिवार। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा और परमाणु ब्लैकमेल के आगे कभी नहीं झुकेगा। जर्मनी की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान, जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करेगा, जिसमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।
जयशंकर ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, “मैं पहलगाम हमले के बाद बर्लिन आया था। भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता है और परमाणु ब्लैकमेल को कभी स्वीकार नहीं करेगा।” इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। उन्होंने जर्मनी के उस रुख की सराहना की, जिसमें हर देश को आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा का अधिकार माना गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद नई नीति की घोषणा की थी, जिसमें सीमा पार से किसी भी आतंकी कृत्य को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। जयशंकर ने डेनमार्क के अखबार ‘पोलिटिकेन’ को दिए साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि भारत की सैन्य कार्रवाई कश्मीर मुद्दे पर नहीं, बल्कि पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा की गई हत्याओं के जवाब में थी।
पश्चिमी देशों के रवैये पर तंज कसते हुए जयशंकर ने कहा कि 1947 से ही पाकिस्तान कश्मीर में भारत की सीमाओं का उल्लंघन करता रहा है, लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों की वकालत करने वाला यूरोप सैन्य तानाशाहों के साथ खड़ा रहा। उन्होंने यह भी उजागर किया कि यूरोप, रूस पर प्रतिबंधों के बावजूद वहां से ईंधन आयात करता है, जबकि भारत जैसे विकासशील देशों के लिए ईंधन की कीमतें बढ़ा रहा है।
जयशंकर की यह टिप्पणी भारत की कठोर और स्वतंत्र विदेश नीति को दर्शाती है, जो आतंकवाद और वैश्विक दबावों के खिलाफ मजबूती से खड़ी है।