नई दिल्ली, 6 अप्रैल 2025, रविवार। हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने रेलवे प्रवक्ता दिलीप कुमार से एक खास बातचीत की, जिसमें देश के कोने-कोने को जोड़ने वाली रेल परियोजनाओं का जिक्र हुआ। दिलीप कुमार ने गर्व से बताया कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए बनाए गए नए पुल भारतीय इंजीनियरिंग का कमाल हैं। ये पुल, जो गढ़वाल हिमालय की दुर्गम चोटियों के बीच राही इंफ्राटेक लिमिटेड द्वारा बनाए गए, ऋषिकेश में तैयार किए गए हैं। ये न सिर्फ तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं, बल्कि यातायात और माल ढुलाई को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को भी नई गति दे रहे हैं।
कश्मीर से हिमालय तक: रेल का नया युग
बातचीत में कश्मीर घाटी का जिक्र भी आया। दिलीप कुमार ने बताया कि वहां टनल निर्माण के जरिए रेल कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा रहा है, जिससे यात्रा का समय कम होगा और संपर्क मजबूत होगा। अनिता चौधरी के सवाल पर कि ऐसी परियोजनाओं में क्या चुनौतियां आती हैं, दिलीप कुमार ने कहा, “रेल राष्ट्र के विकास का पहिया है। जब रेल चलती है, तो देश आगे बढ़ता है। पीएम नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए रेलवे दिन-रात काम कर रहा है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि विकास तब तक अधूरा है, जब तक देश का हर कोना रेल से न जुड़ जाए। “पीएम मोदी की यह इच्छा है कि भारत का हर हिस्सा रेल नेटवर्क से जुड़े, और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस लक्ष्य को हकीकत में बदलने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं,” दिलीप कुमार ने कहा।
चिनाब ब्रिज: दुनिया का सबसे ऊंचा रेल सेतु
हिमालय की गोद में एक और चमत्कार का जिक्र करते हुए दिलीप कुमार ने बताया कि चेनाब नदी पर बना चिनाब रेल ब्रिज अब तैयार है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जो नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा है। संगलदान और रियासी रेलवे स्टेशनों के बीच बना यह मेहराबदार सेतु न केवल इंजीनियरिंग का शानदार नमूना है, बल्कि भारत की तकनीकी ताकत का प्रतीक भी है।
रेलवे का चार सूत्री मंत्र
दिलीप कुमार ने रेलवे के विकास को चार मापदंडों पर समझाया: “पहला, रेलवे ढांचे का आधुनिकीकरण; दूसरा, यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं; तीसरा, देश के हर कोने तक कनेक्टिविटी; और चौथा, रोजगार सृजन के लिए उद्योगों को सहयोग।” उन्होंने कहा कि ये चारों पहलू मिलकर भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं।
विकसित भारत का सपना
पीएम मोदी के नेतृत्व में रेलवे के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए दिलीप कुमार ने कहा, “पिछले एक दशक में भारतीय रेलवे ने ऐतिहासिक बदलाव किया है। यह बदलाव न सिर्फ देश की छवि को निखार रहा है, बल्कि नागरिकों के आत्मविश्वास को भी बढ़ा रहा है।” उनका मानना है कि रेलवे का विकास ‘विकसित भारत’ के सपने का आधार है।
चाहे उत्तराखंड के चार धाम हों, कश्मीर की घाटियां हों, या हिमालय का चिनाब ब्रिज—भारतीय रेलवे हर चुनौती को अवसर में बदल रहा है। ये परियोजनाएं न केवल यात्रा को आसान बना रही हैं, बल्कि देश की प्रगति और समृद्धि का नया अध्याय भी लिख रही हैं। जैसा कि दिलीप कुमार ने कहा, “रेल का पहिया जब चलता है, तो राष्ट्र का भाग्य भी चमक उठता है।”