नई दिल्ली, 15 मई 2025, गुरुवार। यूक्रेन-रूस युद्ध में तुर्की का बायरकटर टीबी-2 ड्रोन रूसी सेना के लिए चुनौती बना, लेकिन भारत ने इसे आसानी से नाकाम कर वैश्विक मंच पर अपनी सैन्य ताकत का लोहा मनवाया। पाकिस्तान द्वारा तुर्की से खरीदे गए इन आधुनिक ड्रोनों को भारत की उन्नत रक्षा प्रणालियों ने न केवल रोका, बल्कि उन्हें नष्ट भी कर दिया। यह उपलब्धि भारत की स्वदेशी तकनीक और रणनीतिक श्रेष्ठता का प्रतीक है।
भारत की यह “दिव्य शक्ति” स्वदेशी रक्षा प्रणालियों जैसे S-400, आकाश मिसाइल सिस्टम, और DRDO की एंटी-ड्रोन तकनीकों में निहित है। D4 काउंटर-ड्रोन सिस्टम और मैन-पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम (MPCDS) ने ड्रोन खतरों को तुरंत भांपकर उन्हें निष्प्रभावी करने की क्षमता दिखाई। इन प्रणालियों ने न केवल पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराया, बल्कि तुर्की और पाकिस्तान को रणनीतिक झटका भी दिया।
भारत की यह तकनीकी श्रेष्ठता वैश्विक ध्यान का केंद्र बन गई है। रूस और अमेरिका जैसे देश अब भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीकों का अध्ययन कर रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत विकसित ये प्रणालियां न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत कर रही हैं, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में भारत को अग्रणी बना रही हैं। बायरकटर टीबी-2 जैसे ड्रोनों को नाकाम करने की यह क्षमता भारत की सैन्य नवाचार और तकनीकी नेतृत्व की गवाही देती है, जिसका जश्न आज पूरी दुनिया मना रही है।