N/A
Total Visitor
28.5 C
Delhi
Wednesday, June 18, 2025

भारत की महिला श्रम बल भागीदारी दर में 2017 के मुकाबले शानदार वृद्धि हुई

भारत की महिला श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में 2017 के मुकाबले शानदार वृद्धि हुई है। इसमें शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी आगे रहीं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की समग्र महिला एलएफपीआर 24.6 फीसदी से बढ़कर 41.5 फीसदी हो गई, जबकि शहरी महिला एलएफपीआर 20.4 फीसदी से बढ़कर 25.4 फीसदी हुई। ये आंकड़े 2017-18 से 2022-23 के बीच के हैं। इस वृद्धि के कारण मुद्रा ऋण, ड्रोन दीदी जैसी पहल हैं।
गांवों में विवाहित महिलाओं ने अविवाहित महिलाओं की तुलना में अधिक भागीदारी की। राजस्थान और झारखंड में विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के बीच महत्वपूर्ण वृद्धि रही। उत्तरी राज्यों में पंजाब और हरियाणा में महिला एलएफपीआर कम रही। पूर्वी राज्यों में ग्रामीण बिहार में देश में सबसे कम एलएफपीआर थी। हालांकि, हाल के वर्षों में इसमें महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 30-40 वर्ष की आयु में महिला भागीदारी चरम पर होती है और उसके बाद तेजी से घट जाती है। दूसरी ओर, पुरुषों की भागीदारी 30-50 वर्ष की आयु से सबसे अधिक सौ फीसदी रहती है, उसके बाद धीरे-धीरे घटती है। वैवाहिक स्थिति महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए एलएफपीआर का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »