नई दिल्ली, 30 दिसंबर 2024, सोमवार। भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और 2027 तक 1.2 करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा करने की उम्मीद है। इसमें 30 लाख प्रत्यक्ष और 90 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां शामिल होंगी। यह वृद्धि 25 से 30 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ होने की उम्मीद है।
भारत की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री पीएम मोदी के विजन 2030 तक देश को 500 अरब डॉलर का इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लक्ष्य के कारण तेजी से बढ़ रही है। इंडस्ट्री संचार और प्रसारण इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स और एयरोस्पेस और रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में विविधता ला रही है, जिससे विशेष कौशल की मांग बढ़ गई है।
हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भारत के विकास को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए 1 करोड़ प्रशिक्षित पेशेवरों की भारी कमी के इस अंतर को पाटने की तत्काल आवश्यकता है। इसके लिए कौशल विकास पर मजबूत ध्यान देने की आवश्यकता है।
मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए शुरू की गई पीएलआई योजना जैसी नीतियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स सहित 14 प्रमुख क्षेत्रों में 1.97 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) ने एक मजबूत आधार तैयार किया है।