नई दिल्ली, 1 अगस्त 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लागू करने के फैसले के बाद भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अमेरिका से अत्याधुनिक F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदने से इनकार कर दिया है। सूत्रों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि भारत सरकार रक्षा सौदों की बजाय स्वदेशी रक्षा उपकरणों के डिजाइन और निर्माण पर आधारित साझेदारी को प्राथमिकता दे रही है।
इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान ट्रंप ने भारत को F-35 विमान बेचने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि नई दिल्ली का फोकस रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
टैरिफ का जवाब: आयात बढ़ाने पर विचार
अमेरिका के टैरिफ फैसले से नई दिल्ली में निराशा है। सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को पटरी पर लाने के लिए अमेरिका से प्राकृतिक गैस, संचार उपकरण और सोने के आयात में वृद्धि जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है। इसका मकसद अगले कुछ वर्षों में अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष को कम करना है। हालांकि, भारत ने ट्रंप के टैरिफ के जवाब में तत्काल जवाबी कार्रवाई से इनकार किया है।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में स्टील और ऑटोमोबाइल पर अमेरिकी शुल्कों का जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखा है, जिसका इस्तेमाल वह अपनी सुविधा के अनुसार करेगा।
वाणिज्य मंत्री का बयान
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में वाशिंगटन के साथ व्यापार समझौते की उम्मीद जताई थी। गुरुवार को संसद में उन्होंने कहा, “ट्रंप के टैरिफ के प्रभावों का आकलन करने के लिए निर्यातकों और उद्योग समूहों से बातचीत चल रही है।” विपक्ष के हंगामे के बीच गोयल ने भरोसा दिलाया कि सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।
यह घटनाक्रम भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में नई चुनौतियां पेश कर सकता है, लेकिन भारत की रणनीति आत्मनिर्भरता और कूटनीतिक संतुलन पर केंद्रित दिख रही है।