नई दिल्ली, 11 जून 2025, बुधवार: भारत ने पाकिस्तान के सामने दो टूक शर्त रख दी है कि जब तक आतंकवाद से जुड़ी उसकी चिंताएं पूरी तरह दूर नहीं होतीं और 1960 की सिंधु जल संधि को नया रूप नहीं दिया जाता, तब तक पानी के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने कई बार भारत से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन भारत ने अपना रुख सख्त रखा है।
पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी को कई पत्र लिखकर संधि को स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान भारत की आपत्तियों पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, भारत ने इन पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया। सूत्रों का कहना है कि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई और संधि में व्यापक बदलाव के बिना बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता। देबाश्री मुखर्जी ने इस फैसले की औपचारिक जानकारी पाकिस्तान को दी थी।
पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा रुख
भारत ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। विश्व बैंक की मध्यस्थता में 1960 में बनी यह संधि सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों (झेलम, चिनाब, रावी, सतलज, ब्यास) के जल बंटवारे को नियंत्रित करती है। संधि के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, सतलज, ब्यास) का पूर्ण नियंत्रण और पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर सीमित उपयोग का अधिकार है, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों का अधिकांश जल मिलता है।
पाकिस्तान की बेचैनी, भारत की रणनीति
संधि के स्थगन के बाद पाकिस्तान में जल संकट की आशंका बढ़ गई है, क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था और कृषि सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है। सूत्रों के अनुसार, भारत अब संधि को पूरी तरह नए सिरे से तैयार करने की योजना बना रहा है, जिसमें आतंकवाद के मुद्दे को प्राथमिकता दी जाएगी। भारत का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है और इसे संधि जैसे महत्वपूर्ण समझौतों से जोड़ा जाना चाहिए।
विश्व बैंक की भूमिका पर सवाल
विश्व बैंक, जो इस संधि का मध्यस्थ है, ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि वह विश्व बैंक की मध्यस्थता के बजाय द्विपक्षीय बातचीत को प्राथमिकता देगा, बशर्ते पाकिस्तान उसकी शर्तों को माने।