नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025, मंगलवार। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस बर्बर हमले में 26 निर्दोष लोगों, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, की निर्मम हत्या ने भारत के दिल पर गहरा घाव किया है। हमले के बाद से देशभर में गुस्सा और आक्रोश की लहर दौड़ रही है, और केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग का ऐलान कर दिया है।
प्रधानमंत्री का सख्त रुख: आतंकियों को मिलेगी कड़ी सजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “भारत की आत्मा पर हमला” करार देते हुए साफ शब्दों में कहा है कि आतंकियों और उनके आकाओं को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मंच से पीएम ने चेतावनी दी, “जिन्होंने यह हमला किया, उनकी सजा उनकी कल्पना से भी भयानक होगी।” उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि इस दुख की घड़ी में पूरा देश पीड़ित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
हाई-लेवल मीटिंग में पीएम का निर्देश: सेना को खुली छूट
मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री आवास पर एक अहम बैठक में पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सैन्य बलों को खुली छूट देने का ऐलान किया। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे। पीएम ने भारतीय सेना की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि जवाबी कार्रवाई का समय, तरीका और लक्ष्य तय करने का फैसला सेना पर छोड़ दिया गया है। यह संदेश साफ है—आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई अब पहले से कहीं ज्यादा तेज और प्रभावी होगी।
मोहन भागवत के साथ भी अहम चर्चा
इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की। पीएमओ में हुई इस बैठक में कुछ अन्य आरएसएस पदाधिकारी भी मौजूद थे। इस मुलाकात को देश की सुरक्षा और एकजुटता के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
पहलगाम हमला: एक गहरी चोट
22 अप्रैल की उस काली शाम को पहलगाम में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर 26 लोगों की जान ले ली। मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे, जो कश्मीर की वादियों का लुत्फ उठाने आए थे। हमले के बाद आतंकी जंगल की ओर भाग निकले, लेकिन इस घटना ने पूरे देश को गम और गुस्से में डुबो दिया। किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने भाई, तो किसी ने जीवनसाथी। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हर भारतीय का दर्द और आक्रोश एक जैसा है।
देश की नजर सरकार के अगले कदम पर
पहलगाम हमले को हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे क्रूर हमला माना जा रहा है। अब पूरे देश की नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, और इस बार भी देश को उम्मीद है कि आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया जाएगा, जो इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
एकजुट भारत, मजबूत संकल्प
यह सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि भारत की एकता और शांति पर हमला है। लेकिन भारत का इतिहास गवाह है कि जब-जब देश पर संकट आया, हम और मजबूत होकर उभरे हैं। पीएम मोदी का संदेश साफ है—आतंकवाद के खिलाफ यह जंग सिर्फ सेना की नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की है। हमारा दुख एक है, हमारा गुस्सा एक है, और हमारा संकल्प अटल है। आतंकियों का अंत अब दूर नहीं।