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Saturday, March 29, 2025

ब्रिटेन आम चुनाव 2024 में भारतीयों का दबदबा, 29 भारतीय मूल के सांसदों नें जीत दर्ज की

ब्रिटेन आम चुनाव 2024 में भारतीयों का दबदबा देखने को मिला। इस बार 29 भारतीय मूल के सांसदों नें जीत दर्ज की। इसमें लेबर पार्टी के सबसे अधिक सदस्य रहे। जिनकी संख्या 19 है। जिसमें से 12 सदस्यों ने पहली बार सांसद बने। सिख समुदाय के सभी सदस्य लेबर पार्टी से हैं।

लेबर पार्टी के सासंद

प्रीत कौर गिल- बर्मिंघम एजबेस्टन सीट पर अपनी जात बरकरार रखा। इनका जन्म बर्मिंघम में हुआ था। इनके माता-पिता दोनों भारतीय थे। गिल के पिता पहले गुरुद्वारे गुरु नानक गुरुद्वारा, स्मेथविक के अध्यक्ष थे।

तनमनजीत सिंह ढेसी- बर्मिंघम एजबेस्टन और स्लो की अपनी सीट से तीसरी बार सांसद बने।

सीमा मल्होत्रा- फेल्थम और हेस्टन सीट से अपनी जीत बरकरार रखी।

वैलेरी वाज- यह भारत के गोवा मूल की हैं। इन्होंने वॉल्सॉल और ब्लॉक्सविच सीट से जीत दर्ज की।

लिसा नंदी- विगान सीट पर जीत बरकरार रखा।

नवेन्दु मिश्रा- स्टॉकपोर्ट सीट पर जीत बरकरार रखी।

नादिया व्हिटोम- नॉटिंघम ईस्ट सीट जीत दर्ज की।

लेबर पार्टी के नए सदस्य

बग्गी शंकर- बग्गी शंकर डर्बी साउथ सीट से जीत दर्ज की। ये सिख समुदाय आते हैं। साउथ सीट पर गठन के समय से ही लेबर पार्टी का दबदबा रहा है। बग्गी के पिता 1950 के दशक में यूके गए थे और फाउंट्री का शुरू किया। बग्गी का जन्म भी यहीं हुआ था। ये लेबर काउंसलर भी हैं। डर्बी सिटी काउंसिल में 18 जून तक लेबर नेता रहे। विपक्षी पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पास करते हुए उन्हें हटा दिया था।

गुरिंदर सिंह जोसन- गुरिंदर सिंह ने स्मेथविक (सुरक्षित सीट) से जीत दर्ज की। ये गुरुनानक गुरुद्वारा, स्मेथविक के ट्रस्टी भी रह चुके हैं। ये 1 वर्ष के हैं।

हरप्रीत उप्पल- हरप्रीत उप्पल हडर्सफील्ड सीट से सांसद हैं। उन्हें इस निर्वाचन क्षेत्र की पहली महिला सांसद होने का भी गोर्व प्राप्त है। उप्पल का जन्म यूके में ही हुआ। उनके पिता लंबर सिंह उप्पल 1962 में ब्रिटेन गए थे, जहां पर उन्होंने कपड़ा मजदूर के रूप में काम शुरू किया।

जस अठवाल- जस अठवाल ने लेबर पार्टी की सुरक्षित सीट इलफोर्ड साउथ से चुनाव जीता। उनकी उम्र 60 साल है। अठवाल का जन्म पंजाब के एक जाट सिख परिवार में हुआ। इलफोर्ड में आने से पहले वह भारत में ही रहे। जब वह युके पहुंचे तब उनकी उम्र 7 साल थी।

डॉ. जीवुन संधेर- जीवुन ने लॉफबोरो सीट जीत दर्ज की। इनकी उम्र 33 साल है। इन्होंने कंजरवेटिव पार्टी की सीट में सेंधमारी की है। उनका जन्म ब्रिटेन में ही हुआ था। उनका परिवार पंजाब के जालंधर के पास का रहने वाला है। संधेर एक अर्थशास्त्री हैं।

कनिष्क नारायण- कनिष्क नारायण ने वेल ऑफ ग्लैमरगन सीट से जीत दर्ज की। ये 34 वर्ष के हैं। कनिष्क यहां पर पहले सांसद बन गए हैं। इनका जन्म बिहार में हुआ था। 12 साल की उम्र में वह वेल्स चले गए थे। उन्होंने ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड में पढ़ाई करने के बाद कैबिनेट कार्यालय में वरिष्ठ सलाहकार और पर्यावरण सचिव के विशेषज्ञ सलाहकार के रूप में कार्य किया।

किरीथ एंटविसल- किरीथ एंटविसल ने बोल्टन नॉर्थ ईस्ट कंजर्वेटिव पार्टी से छीन कर लेबर पार्टी के झोली में डाला। इनका जन्म साउथॉल में हुआ था। किरीथ एक ब्रिटिश पंजाबी हैं। उनके नाना-नानी 1970 के दशक में केन्या से ब्रिटेन शिफ्ट हुए थे। जबकि उनके पिता 1980 के दशक में दिल्ली से ब्रिटेन शिफ्ट हुए।

सतवीर कौर- सतवीर साउथेम्प्टन टेस्ट सीट पर जीत दर्ज की। यह एक ब्रिटीश सिख हैं। वह साउथेम्प्टन सिटी काउंसिल के पार्षद और पूर्व लेबर नेता भी हैं।

वरिंदर जूस- वरिंदर ने कंजरवेटिव पार्टी की सीट वॉल्वरहैम्पटन वेस्ट में सेंधमारी की है।

सोजन जोसेह- सोजन भारत के केरल से ब्रिटिश संसद में पहले सदस्य हैं। सोजन केरल के कोट्टायम आते हैं। ये 49 वर्ष के हैं। इन्होंने एशफोर्ड सीट पर जीत दर्ज की। 22 वर्ष पूर्व सोजन ब्रिटेन में एक स्वास्थ्यकर्मी के रूप में आए थे।

सोनिया कुमार- लेबर पार्टी की कैंडिडेट भारतीय सिख सोनिया कुमार डुडले सीट पर जीत दर्ज की है। इस सीट को उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी से छीनने में कामयाब रहीं।

सुरीना ब्रेकेनब्रिज- सुरीना ने वॉल्वरहैम्प्टन नॉर्थ ईस्ट सीट पर जीत दर्ज की।

कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद

पूर्व पीएम ऋषि सुनक- ऋषि ने रिचमंड और नॉर्थलेर्टन सीट पर अपनी जीत बरकरार रखी।

पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन- फेयरहैम और वाटरलूविल में जीत दर्ज की।

पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल- विथम सीट पर अपनी जीत को बरकरार रखने में कामयाब रहीं।

पूर्व मंत्री क्लेयर कोटिन्हो- ईस्ट सरे सीट पर जीत दर्ज की।

गगन मोहिंद्रा- साउथ वेस्ट हर्टफोर्डशायर सीट पर जीत बरकरार रखने में सफल रहे।

शिवानी राजा- लीसेस्टर ईस्ट सीट पर जीत दर्ज की।

डॉक्टर नील शास्त्री- नील ने सोलीहुल और शिर्ले सीट को जीत दर्ज की, जो कंजर्वेटिव पार्टी की थी। उनका जन्म यूके में हुआ था। उनके पिता का जन्म गुजरात के वडोदरा में हुआ था। 1970 के दशक में UK आ गए। नील शास्त्री की मां एक ब्रिटिश हैं।

लिबरल और निर्दलीय भी बने सांसद

मुनीरा विल्सन- ट्विकेनहैम सीट पर डेमोक्रेट पार्टी के टिकट पर जीत बरकरार रखा।

इकबाल मोहम्मद- इकबाल मोहम्मद ने ड्यूजबरी सीट निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। इकबाल के माता-पिता 1960 के दशक में भारत से ब्रिटेन शिफ्ट हुए थे।

शॉकट एडम- लीसेस्टर साउथ सीट से निर्दलीय जीत दर्ज की।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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