नई दिल्ली, 16 मई 2025, शुक्रवार। दिल्ली में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में भारतीय व्यापारिक समुदाय ने तुर्की और अज़रबैजान के साथ सभी व्यापारिक और व्यावसायिक संबंध तोड़ने का ऐतिहासिक फैसला लिया। देशभर से आए 125 से अधिक व्यापारी दिग्गजों ने सर्वसम्मति से इन देशों के उत्पादों, सेवाओं, पर्यटन और बिजनेस यात्राओं का पूर्ण बहिष्कार करने का संकल्प लिया। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय सम्मान के प्रति व्यापारियों की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सम्मेलन में गूंजा राष्ट्रवाद का स्वर
शुक्रवार को राजधानी में आयोजित इस सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और CAIT की स्ट्रैटेजिक एडवाइज़र स्मृति ईरानी ने व्यापारियों के इस फैसले को भारतीय सेना के शौर्य और शहीदों के प्रति सम्मान बताया। उन्होंने व्यापारियों से राष्ट्रीय रक्षा कोष में स्वेच्छा से योगदान देने का आह्वान किया, ताकि शहीद सैनिकों के परिवारों की सहायता में व्यापारी समुदाय सक्रिय भूमिका निभा सके। ईरानी ने कहा, “यह फैसला केवल आर्थिक नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता और आत्मसम्मान की रक्षा का प्रतीक है।”

तुर्की और अज़रबैजान पर क्यों भड़का गुस्सा?
CAIT के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने तुर्की और अज़रबैजान की नीतियों को भारत विरोधी और अकृतज्ञ करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने भारत की सद्भावना, कोविड संकट के दौरान दी गई वैक्सीन और कूटनीतिक सहायता का अपमान किया है। खंडेलवाल ने जोर देकर कहा, “इन देशों ने आतंकवादी देश पाकिस्तान का समर्थन कर 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। भारतीय व्यापारी राष्ट्र की एकता को चुनौती देने वालों को आर्थिक बहिष्कार के प्रभावशाली हथियार से जवाब देंगे।”
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने भी दोनों देशों की नीतियों को “भारत विरोधी” बताते हुए कहा, “ऐसे देशों को भारत से कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिलना चाहिए। हमारा व्यापारिक समुदाय राष्ट्रहित में एकजुट है।”

फिल्म और कॉरपोरेट जगत को भी चेतावनी
व्यापारियों ने भारतीय फिल्म उद्योग से तुर्की और अज़रबैजान में फिल्म शूटिंग न करने की अपील की। CAIT ने स्पष्ट किया कि यदि कोई फिल्म वहां शूट होती है, तो व्यापारी और आम जनता ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करेंगे। इसी तरह, कॉरपोरेट जगत को इन देशों में उत्पादों के प्रमोशन से बचने की चेतावनी दी गई, अन्यथा उनके उत्पादों का भारत में बहिष्कार होगा।

CAIT के प्रमुख निर्णय
सम्मेलन में लिए गए फैसलों ने व्यापारियों के कड़े रुख को रेखांकित किया:
उत्पादों का बहिष्कार: तुर्की और अज़रबैजान से आयात-निर्यात पर पूर्ण रोक।
व्यावसायिक संबंधों पर विराम: इन देशों की कंपनियों के साथ कोई साझेदारी नहीं।
पर्यटन पर रोक: टूरिज्म एजेंसियों से इन देशों को गंतव्य सूची से हटाने की अपील।
सरकारी समीक्षा की मांग: व्यापार और विदेश मंत्रालय से इन देशों के साथ नीतिगत संबंधों की समीक्षा का अनुरोध।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए समर्थन
व्यापारियों ने भारत सरकार द्वारा तुर्की की कंपनी “Celebi Ground Handling India Private Limited” की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में बताया। सम्मेलन में 24 राज्यों के प्रतिनिधियों ने एक प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति पूर्ण समर्थन जताया और भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ एकजुटता का संकल्प लिया।

विश्वासघात का जवाब
CAIT ने तुर्की और अज़रबैजान के रवैये को विश्वासघात करार दिया, खासकर उस मानवीय और कूटनीतिक सहायता के मद्देनजर, जो भारत ने कोविड जैसे संकट में इन देशों को प्रदान की थी। व्यापारियों का मानना है कि यह बहिष्कार न केवल आर्थिक, बल्कि भारत के आत्मसम्मान और राष्ट्रीय गौरव की रक्षा का एक कदम है।

राष्ट्रहित में व्यापारियों का संकल्प: तुर्की-अज़रबैजान बहिष्कार के साथ नई एकजुटता की शुरुआत
CAIT का यह फैसला भारतीय व्यापारिक समुदाय की राष्ट्रभक्ति और एकजुटता का प्रबल उदाहरण है। तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ यह आर्थिक बहिष्कार न केवल इन देशों के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत का व्यापारी वर्ग राष्ट्रहित में किसी भी हद तक जाने को तैयार है। यह कदम निश्चित रूप से भारत के आर्थिक और व्यापार जगत के बीच एक नई एकजुटता की शुरुआत है, जो राष्ट्र की सेवा में समर्पित है।