सना, 23 जुलाई 2025: यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा पाने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द कर दी गई है। ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. केए पॉल ने मंगलवार रात यमन की राजधानी सना से एक वीडियो संदेश में इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि भारतीय और यमनी नेताओं के दस दिनों के अथक प्रयासों से यह सफलता मिली है। डॉ. पॉल ने यमनी नेताओं की “प्रार्थनापूर्ण कोशिशों” और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की।
रिहाई की प्रक्रिया शुरू
डॉ. पॉल के अनुसार, निमिषा को यमन की जेल से रिहा कर भारत भेजने की व्यवस्था शुरू हो गई है। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए ओमान, जेद्दा, मिस्र, ईरान या तुर्की के रास्ते लॉजिस्टिक्स सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है।
भारत सरकार की सक्रिय भूमिका
विदेश मंत्रालय ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पिछले सप्ताह बताया था कि यमन की जटिल कानूनी प्रक्रिया में निमिषा के परिवार की सहायता के लिए वकील नियुक्त किया गया है। शरिया कानून के तहत ‘दीया’ (मुआवजा) के विकल्पों पर विचार किया जा रहा था। जायसवाल ने कहा, “हमने नियमित कांसुलर यात्राओं के जरिए निमिषा की भलाई सुनिश्चित की और उनके परिवार से संवाद बनाए रखा।” यमन के अधिकारियों ने 16 जुलाई को निर्धारित फांसी को स्थगित कर बातचीत का अवसर प्रदान किया था।
धार्मिक हस्तक्षेप और मानवीय अपील
यमन के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबू बक्र अहमद कंथपुरम ने भी निमिषा की रिहाई के लिए अपील की थी। उन्होंने यमनी विद्वानों से संवाद कर ‘दीया’ के प्रावधान पर जोर दिया और निमिषा की मानवता को आधार बनाकर उनकी सजा माफ करने की मांग की। इस अपील के बाद फांसी की तारीख टाल दी गई थी, जिसे धार्मिक और कूटनीतिक प्रयासों की जीत माना जा रहा है।
निमिषा प्रिया का मामला
केरल की 37 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया पर यमन की ट्रायल कोर्ट ने हत्या का आरोप लगाया था। नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने यह फैसला बरकरार रखा था, और उनकी फांसी 16 जुलाई 2025 को होनी थी। इस मामले ने भारत में व्यापक ध्यान खींचा था। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने फांसी स्थगित होने पर राहत जताते हुए कहा कि वह इस मामले पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
निमिषा की रिहाई की खबर से उनके परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर है। भारत सरकार और यमनी अधिकारियों के बीच चल रही बातचीत से जल्द ही उनकी सुरक्षित वतन वापसी की उम्मीद जताई जा रही है।