N/A
Total Visitor
29.7 C
Delhi
Monday, July 7, 2025

भारतीय नौसेना को आज पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत मिलेगा

INS Vikrant: भारतीय नौसेना के लिए शुक्रवार का दिन अहम होगा। उसे पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) मिलेगा और अंग्रेजों के जमाने के निशान से आजादी मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईएनएस विक्रांत को देश को समर्पित करेंगे। कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी।

वहीं, मोदी कार्यक्रम के दौरान नौसेना के एक नए निशान (इनसाइन) का भी अनावरण करेंगे। यह औपनिवेशक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री धरोहर का प्रतीक होगा। नौसेना के नए डिजाइन में एक सफेद ध्वज है, जिस पर क्षैतिज और लंबवत रूप में लाल रंग की दो पट्टियां हैं। साथ ही, भारत का राष्ट्रीय चिह्न (अशोक स्तंभ) दोनों पट्टियों के मिलन बिंदु पर अंकित है।

भारतीय नौसेना के वर्तमान ध्वज के ऊपरी बाएं कोने में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस है। भारतीय नौसेना ब्रिटिश काल में ही अस्तित्व में आ गई थी। दो अक्टूबर, 1934 को नौसेना सेवा का नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी किया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बनने के साथ रॉयल को हटा दिया गया और इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया। हालांकि, ब्रिटेन के औपनिवेशिक झंडे को नहीं हटाया गया। अब पीएम मोदी भारतीय नौसेना को नया ध्वज देंगे।

 

निर्माण में लगे 13 साल

 

फरवरी 2009 में निर्माण की हुई थी शुरुआत अगस्त 2013 में पहली बार विक्रांत को पानी में उतारा गयानवंबर 2020 में बेसिन ट्रायल शुरू हुआजुलाई 2022 में पूरा हुआ समुद्री ट्रायलजुलाई 2022 में कोचीन शिपयार्ड ने नौसेना को सौंपा

 

20 हजार करोड़ की आई लागत

 

76 फीसदी स्वदेशी सामान का उपयोगएक टाउनशिप जितनी बिजली आपूर्ति 21 हजार टन से ज्यादा विशेष ग्रेड स्टील का इस्तेमाल2,600 किलोमीटर से ज्यादा इलेक्ट्रिक केबल का इस्तेमाल150 किलोमीटर से ज्यादा पाइपलाइन

 

61.6 मीटर ऊंचाई यानी 15 मंजिला इमारत जितनी

 

262.5 मीटर लंबाई 1600 क्रू की संख्या2300 कंपार्टमेंट

पीएम मोदी ने 750 करोड़ की लागत से तैयार 27 किलोमीटर लंबे दोहरी लाइन के कुरुप्पंथरा कोट्टायम चिंगवनम रेल सेक्शन का उद्घाटन किया। साथ ही 76 करोड़ की लागत से कोल्लम व पूनालूर के बीच विद्युतीकरण को देश को सौंपा। साथ ही कोट्टयम-एर्नाकुलम और कोल्लम-पूनालूर के बीच विशेष ट्रेन सेवा को झंडी दिखाई। साथ ही उन्होंने तीन स्टेशनों के पुनर्विकास योजनाओं की आधारशिला रखी। इस कार्य पर 1059 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कोच्चि मेट्रो के दूसरे चरण परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पी. विजयन भी मौजूद थे।

 

 

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »