नई दिल्ली, 22 जून 2025, रविवार: भारतीय सेना ने एक ऐसे अजेय साथी को मैदान में उतारा है, जो न केवल दुर्गम सीमाओं पर दुश्मनों के लिए काल बनकर उभरेगा, बल्कि जवानों की जान भी बचाएगा! इसका नाम है ‘रोबोटिक म्यूल’—एक ऐसा स्वचालित सैनिक, जो चीन और पाकिस्तान से लगी संवेदनशील सीमाओं पर तैनात होकर दुश्मनों की हर चाल को नाकाम करने के लिए तैयार है।
क्या है इस रोबोटिक म्यूल की खासियत?
यह रोबोटिक म्यूल किसी सुपरसोल्जर से कम नहीं! यह AK-47, इंसास, LMG, स्नाइपर राइफल और टेवौर जैसे घातक हथियारों से लैस हो सकता है। इतना ही नहीं, यह 12 से 15 किलोग्राम तक का सैन्य सामान ढोने में माहिर है, जिससे यह सेना के लिए लॉजिस्टिक्स का भी मजबूत सहारा बनता है।
- हर मुश्किल राह पर बेधड़क: पहाड़, रेगिस्तान, बर्फीले रास्ते या सीढ़ियां—यह रोबोट हर चुनौती को पार करने में सक्षम है। पानी में चलना और छोटे नाले पार करना इसके लिए खेल है!
- बिजली सी रफ्तार: यह 18 किमी/घंटा की रफ्तार से 3.5 घंटे तक लगातार दौड़ सकता है और मात्र 1 घंटे में फुल चार्ज होकर फिर से तैयार हो जाता है। इसकी बैटरी 21 घंटे तक का बैकअप देती है, जो इसे लंबे मिशनों के लिए आदर्श बनाती है।
- 360 डिग्री निगरानी: 5 थर्मल कैमरे, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स, और इन्फ्रारेड तकनीक से लैस यह रोबोट दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखता है।
- कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल: इसका वजन सिर्फ 51 किलोग्राम, लंबाई 37.5 इंच, ऊंचाई 27 इंच, और चौड़ाई 10 इंच है, जो इसे आसानी से कहीं भी ले जाने लायक बनाता है।
जवानों की ढाल, दुश्मनों का काल
इस रोबोटिक म्यूल की सबसे बड़ी ताकत है इसकी स्वायत्तता। अब सेना को खतरनाक इलाकों में जवानों को भेजने की जरूरत कम होगी। यह रोबोट दुर्गम क्षेत्रों में घुसकर दुश्मन की सटीक लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी दे सकता है। जरूरत पड़ने पर यह खुद कार्रवाई करने में भी सक्षम है। इससे न केवल मिशन की सफलता सुनिश्चित होगी, बल्कि हमारे बहादुर जवानों की जान भी सुरक्षित रहेगी।
आधुनिक युद्ध का नया चेहरा
‘रोबोटिक म्यूल’ भारतीय सेना की तकनीकी ताकत का प्रतीक है। यह न केवल गोपनीय सैन्य मिशनों में गेम-चेंजर साबित होगा, बल्कि सीमा पर हमारी रक्षा को और मजबूत करेगा। सेना के इस नए साथी ने दुश्मनों के होश उड़ा दिए हैं और भारत की सैन्य शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा किया है।
रोबोटिक म्यूल की ताकत, भारत की शान!