नई दिल्ली, 30 जुलाई 2025: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए भारतीय सेना ने मंगलवार से दिल्ली कैंट के मानेकशॉ सेंटर में तीन दिवसीय एकीकृत आपदा प्रबंधन संगोष्ठी और मॉक अभ्यास “सुरक्षा चक्र” शुरू किया। यह आयोजन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एसडीएमए) के सहयोग से दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

“सुरक्षा चक्र” का उद्देश्य: इस अभ्यास का मुख्य लक्ष्य केंद्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसियों, सशस्त्र बलों, तकनीकी संस्थानों और पूर्व चेतावनी तंत्रों के बीच समन्वय को मजबूत करना है। यह अभ्यास दिल्ली के 11, हरियाणा के 5 और उत्तर प्रदेश के 2 जिलों में भूकंप और औद्योगिक रासायनिक खतरों से निपटने की तैयारियों पर केंद्रित है। एनसीआर जैसे घनी आबादी वाले और जटिल शहरी क्षेत्र में इस तरह का यह पहला प्रयास है, जिसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन की रणनीतियों को और प्रभावी बनाना है।

उद्घाटन सत्र: पहले दिन का ध्यान दिल्ली-एनसीआर में आपदा खतरों और विभिन्न एजेंसियों की क्षमताओं को समझने पर रहा। एनडीएमए के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, पीवीएसएम, एवीएसएम, जीओसी-इन-सी, पश्चिमी कमान ने उद्घाटन भाषण में जोखिम मूल्यांकन, कमजोर क्षेत्रों की पहचान और उपकरणों की पूर्व-तैनाती के महत्व को रेखांकित किया। लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, एवीएसएम, वीएसएम, जीओसी, दिल्ली क्षेत्र ने क्षेत्र में आपदा जोखिमों और उनके समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों का सिंहावलोकन प्रस्तुत किया।

प्रदर्शनी और मॉक अभ्यास: कार्यक्रम में एनडीआरएफ और विभिन्न विक्रेताओं द्वारा अत्याधुनिक राहत और बचाव उपकरणों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। संगोष्ठी के बाद 1 अगस्त 2025 को एक कृत्रिम स्थिति अभ्यास होगा, जिसमें सभी भागीदार एजेंसियां शामिल होंगी।
महत्व: यह संगोष्ठी आपदा प्रबंधन के लिए संयुक्त तंत्रों को संस्थागत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रणनीतिक योजना और जमीनी स्तर की विशेषज्ञता के एकीकरण से भारत एक लचीले भविष्य की ओर बढ़ रहा है, जहां त्वरित और समन्वित कार्रवाई आपदा के प्रभाव को कम करेगी और पुनर्प्राप्ति को गति देगी।