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Monday, July 7, 2025

स्पेन में भारत के राजदूत ने कहा- भारत में बनेगा वायुयान निर्माण का पारिस्थितिकी तंत्र

एयरबस निर्मित पहले सी-295 विमान को भारतीय वायुसेना को सौंपे जाने के दौरान स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश के पातनिक ने कहा कि यह अब तक कि सर्वश्रेष्ठ मेक इन इंडिया परियोजना है। उन्होंने कहा कि एक वैश्विक विमान निर्माता की तरफ से भारत में सैन्य विमान निर्माण शुरू किए जाने से वायुयान निर्माण का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा, जिससे विमानों की वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भी बदलाव आएगा।

उन्होंने कहा कि यह जब विमान का निर्माण भारत में शुरू होगा, तो 14,000 कल पुर्जों को भारत में औद्योगिक स्तर पर उत्पादन शुरू होगा, जिससे तमाम लोगों को रोजगार मिलेगा, साथ ही भारत में विमान निर्माण का पारिस्थितिकी तंत्र भी बनेगा। इसके साथ ही उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि कई तरह की विधिक चुनौतियों के बाद भी एयरबस ने तय समय से 10 पहले पहला विमान भारतीय वायुसेना को सौंप दिया है। इसके साथ ही उम्मीद जताई कि स्पेन से भारत भेजे जाने वाले उड़ने के लिए तैयार शेष 15 विमान भी तय समय पर मिल जाएंगे। वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने स्पेन में पहले विमान के हस्तांतरण के दौरान कहा कि पूरे देश के लिए और खासतौर पर भारतीय वायु सेना के लिए यह अहम दिन है। यह वायुसेना के आधुनिकीकरण के एक नए युग की शुरुआत है। इस विमान से जरूरत पड़ने पर सैनिकों को अग्रिम मोर्चों तक पहुंचाने की क्षमता भी जबरदस्त इजाफा होगा। इस दौरान वायुसेना प्रमुख ने नए विमान से उड़ान भी भरी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह सौदा भारतीय रक्षा बलों की आत्मनिर्भरता के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा।  

नवंबर 2024 से भारत में शुरू होगा उत्पादन
सी-295 के भारतीय कार्यक्रम के प्रमुख जोर्गे टैमेरिट ने बताया कि वडोदरा स्थिति फैक्टरी में विमान का उत्पादन नवंबर 2024 से शुरू हो जाएगा। वहीं, स्पेन से उड़ने को तैयार स्थिति में 16 विमानों में से आखिरी विमान को सितंबर 2025 तक भारत को सौंप दिया जाएगा। सभी 56 विमानों में स्वदेशी रडार व मिसाइल चेतावनी प्रणाली को लगाया गया है। इसके अलावा भारत डायनेमिक्स लि. के बनाए गए काउंटर-मेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम को इसमें शामिल किया गया है।

विमान के 14 हजार पुर्जे भारत में बनेंगे
विमान के कुल 14,000 पुर्जे भारत में बनाए जाएंगे। इसके लिए हर साल 3,500 पुर्जों को भारत में ही औद्योगीकृत किया जाएगा। भारत में टाटा के साथ मिलकर बनाए जाने वाले पहले विमान के साथ ही इन कलपुर्जों का इस्तेमाल होगा। 30वें विमान का पिछला हिस्सा 100 फीसदी भारत में बनेगा।

25 हजार नौकरियां होंगी सृजित
यह परियोजना आने वाले 10 वर्षों में 15,000 प्रत्यक्ष और 10,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगी। एयरबस के फिलहाल भारत में 2,750 पूर्णकालिक कर्मचारी हैं। लेकिन, टाटा के साथ साझा उपक्रम शुरू होने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 15 हजार से ज्यादा हो जाएगी।

9 टन वजन लेकर उड़ने में सक्षम
बहुत छोटे रनवे से उड़ान भरने में सक्षम सी-295 को आसमानी हाथी भी कहा जाता है। यह करीब 9 टन वजन लेकर उड़ने में सक्षम है। आगरा में एयरफोर्स के बेस पर एयरबस की उड़ान के प्रशिक्षण के लिए सिम्युलेटर तैयार किया जा रहा है, जो 2024 के आखिर तक बनकर तैयार हो जाएगा।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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