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Sunday, June 29, 2025

विश्व कप 2023 के फाइनल में आज भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा, दुनिया भर के फैंस की नजरें बनी रहेंगी।

विश्व कप 2023 के फाइनल में आज भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा। इस मैच पर दुनिया भर के फैंस की नजरें बनी रहेंगी। भारत ने जहां दो बार (1983, 2011) विश्व कप का खिताब जीता है, वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम पांच बार (1987, 1999, 2003, 2007 और 2015) की विश्व चैंपियन रह चुकी है। ऐसे में मुकाबला दिलचस्प रहने वाला है। हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि इस मैच में टॉस भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ओस का किरदार अहम होगा, क्योंकि ओस गिरने पर बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है। हालांकि, अहमदाबाद में टॉस का क्या रिकॉर्ड रहा है और विश्व कप के पिछले 12 संस्करणों में टॉस ने क्या भूमिका निभाई है,

यह विश्व कप का 13वां संस्करण है। इस विश्व कप में अब तक कुल 47 मैच खेले जा चुके हैं। वहीं, अहमदाबाद में अब तक इस विश्व कप में कुल चार मैच खेले गए हैं। मौजूदा टूर्नामेंट में इस मैदान पर टॉस ने कोई खास भूमिका नहीं निभाई है। दो मैचों में जहां टॉस जीतने वाली टीम ने जीत हासिल की, वहीं दो मौकों पर टॉस जीतने वाली टीमों को हार का सामना करना पड़ा है। टीमों ने अहमदाबाद में लक्ष्य का पीछा करने को प्राथमिकता दी है, क्योंकि यहां हुए चार मैचों में से तीन मैचों में कप्तानों ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का विकल्प चुना है। इनमें से दो (टॉम लाथम और रोहित शर्मा) ने सफलता का स्वाद चखा है, जबकि जोस बटलर का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले फील्डिंग करने का फैसला उल्टा पड़ गया। अहमदाबाद में बल्लेबाजी करने वाली एकमात्र टीम अफगानिस्तान थी, और यह उस मैच में दक्षिण अफ्रीका से पांच विकेट से हार गई थी।

अहमदाबाद में वनडे क्रिकेट के इतिहास को उठाकर देखा जाए तो टॉस जीतने वाली टीम ने 30 में से 17 मैच जीते हैं। अहमदाबाद में टीमों ने टॉस जीतकर 16 बार पहले बल्लेबाजी करने का विकल्प चुना है और उनमें से नौ मैच जीते हैं, जबकि टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने वाली टीमों ने 14 में से आठ मैच जीते हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों टीमों के कप्तान टॉस के साथ बहुत सफल नहीं रहे हैं। रोहित ने जहां पांच टॉस जीते हैं और इतने ही हारे हैं, वहीं पैट कमिंस ने 10 में से सिर्फ चार मैचों में टॉस जीते हैं। भारत ने टूर्नामेंट में पिछले तीन मैचों में टॉस जीते हैं और रोहित ने हर एक मौके पर पहले गेंदबाजी करने का विकल्प चुना है। दिलचस्प बात यह है कि टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया की दोनों हार (भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ) कमिंस के टॉस जीतने के बाद आई है।

अहमदाबाद में ओस की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। यहां चार में से तीन मैच में चेज करते हुए टीम जीती है। सिर्फ एक मौके पर इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी। उस मैच में कंगारुओं ने 286 रन का लक्ष्य दिया था। इंग्लिश टीम उसे चेज नहीं कर पाई थी। उस मैच के बाद ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर एडम जाम्पा ने कहा था, ‘गेंद काफी जल्दी गीली हो गई थी, शायद हमारी उम्मीद से पहले। हालांकि, फिर भी ऐसा लग रहा था कि पहले 20 या उससे अधिक ओवरों के लिए विकेट थोड़ा धीमा था। दूसरी पारी में विकेट हासिल करना मुश्किल था।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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