रामपुर खागल के श्रीमद्भागवत कथा में संतों का हुआ समागम
प्रतापगढ़। जिले के पट्टी क्षेत्र के रामपुर खागल में चल रही संत रामभद्राचार्य महराज की श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिवस बड़ी संख्या में संतो का समागम हुआ। यहां पर पहुंचे चिदानंद मुनि परमार्थ निकेतन ऋषिकेश ने कहा कि आज अगर ऋषिकेश को किसी का वरद हस्त प्राप्त है तो वह नाम है रामभद्राचार्य का।उन्होंने कहा कि राघव कैसे प्रकट हुए,जो यह बताता हो, ऐसी महान विभूति का हम सबको सम्मान करना चाहिए। उन्होंने विश्व को योग के प्रति चैतन्य कर खड़ा करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव की भी मुक्तकंठ से सराहना की।
इस मौके पर हनुमानगढ़ी के निर्वाणी अखाड़ा के महंथ धर्मदास ने कहा कि सनातनी डटे रहे,जुड़े रहें,सनातन बचेगा तो संस्कृति और संस्कार बचेगा। उक्त के अलावा विवेकानंद महराज हरिद्वार,राजू दास हनुमानगढ़ी,अजय दास महराज, संतोष दास उर्फ सतुवा बाबा,मदन मोहन दास सहित आदि संतो का समागम रहा। इस मौके पर प्रमुख रूप से मंत्री सूर्य प्रताप शाही,विधान परिषद सदस्य एवं आपदा राहत समिति के चेयरमैन अवनीश कुमार सिंह, पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह,पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण पांडेय गुरु जी, प्रमुख सुशील सिंह, विनोद पांडेय,जिला उपाध्यक्ष भाजपा भूपेश त्रिपाठी,अशोक जायसवाल,राम चरित्र वर्मा, मनोज तिवारी, विवेक उपाध्याय सहित आदि उपस्थित रहे । वहीं कथा में खचाखच भरे श्रोताओं को संबोधित करते हुए योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि रामपुर ख़ागल में जन्मे बालक ने पूर्वजों के मान के साथ जननी जन्मभूमि को भी धन्य कर दिया।
उन्होंने कहा कि जगतगुरू श्री रामभद्राचार्य ने आचार्य रामचंद्र दास को विश्व की एक धरोहर के रूप में गढ़ दिया। आज इस गांव का दर्शन कर मैं धन्य हूं। उन्होंने श्रीराम नहीं तो जीना क्या। हरि का नाम जपो मेरे भाई,
इसमें वर्ष महीना क्या, तीर्थ है गुरु चरण हमारा ,फिर क्यों फिरता मारा मारा ।
सुंदर भजन कराकर भक्ति की सरिता बहाने का काम किया ।इस दौरान बाबा ने कहा कि 2047 तक भारत विश्व गुरु और जगत गुरु बनेगा,इसको बनाने में हमारे पूज्य जगतगुरू का अप्रतिम योगदान होगा । कार्यक्रम के संयोजक आचार्य रामचन्द्र दास ने कहा कि भागवत जी एक एक श्लोक का शुकदेव जी की भांति पूज्य गुरुदेव द्वारा व्याख्या की जा रही है,हम सब के जीवन में सौभाग्य भर के हम सबको शास्त्र से भर दिया।