N/A
Total Visitor
27.9 C
Delhi
Friday, June 20, 2025

चागोस आर्किपेलागो पर कब्जे को लेकर पिछले 50 वर्षों से चले आ रहे विवाद के समाधान का भारत ने स्वागत किया

हिंद महासागर में भारत की समुद्री सीमा से महज 1,700 किलोमीटर दूर चागोस आर्किपेलागो द्वीप समूह अब मारीशस के संप्रभु भौगोलिक खंड का हिस्सा होगा। वैश्विक मंच पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते महत्व के लिहाज से चागोस को रणनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण मान जाता है।

तीन अक्टूबर, 2024 को मारीशस को इसे हस्तांतरित करने को लेकर ब्रिटेन और मारीशस में समझौता हो गया। इससे ही जुड़े डिएगो गार्सिया द्वीप को लेकर एक और समझौता ब्रिटेन, अमेरिका और मारीशस के बीच हुआ है। इसके मुताबिक यहां स्थित ब्रिटेन-अमेरिकी सैन्य अड्डा अगले 99 वर्षों तक बना रहेगा।

चागोस आर्किपेलागो पर कब्जे को लेकर पिछले 50 वर्षों से चले आ रहे विवाद के समाधान का भारत ने स्वागत किया है। इसको लेकर हो रहे विमर्श में भारत ने पर्दे के पीछे काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चागोस आर्किपेलागो और डिएगो गार्सिया पर मारीशस की संप्रभुता को लेकर हुए समझौते का हम स्वागत करते हैं। इस बारे में हमने हमेशा से मारीशस का समर्थन किया है।

बेहद पुराने इस विवाद का समाधान दो वर्षों के विमर्श के बाद हुआ है। हमने उपनिवेशवाद के मुद्दे पर अपने विचारों की वजह से मारीशस को सैद्धांतिक समर्थन दिया है।मारीशस और भारत के बीच इस बारे में लगातार विमर्श भी होता रहा है।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »