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Tuesday, June 24, 2025

भारत ने उठाया बड़ा कदम, मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को किया खारिज

भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। उसने टिप्पणियों को अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक बताया। साथ ही कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है।

यह है मामला

बता दें, सोमवार को संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा था कि मणिपुर में महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाकर हुई लिंग आधारित हिंसा की खबरों और तस्वीरें काफी चिंताजनक है। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से हिंसा की घटनाओं की जांच करने और अपराधियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए समय से कार्रवाई करने का अनुरोध किया। संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने मणिपुर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन की खबरों को लेकर चिंता जताई थी, जिनमें यौन हिंसा, न्यायेतर हत्याएं, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्य शामिल हैं।

मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध

इन टिप्पणियों को भारत ने खारिज कर दिया है। मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की विशेष प्रक्रिया शाखा को सोमवार को जारी नोट वर्बेल में, भारतीय मिशन ने कहा कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है और सरकार स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें यह भी कहा गया कि सरकार मणिपुर के लोगों सहित भारत के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है।

अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी मिशन ने इस समाचार विज्ञप्ति को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। मिशन ने कहा कि यह टिप्पणियां न केवल अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक है, बल्कि मणिपुर की स्थिति और इसे बताने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर समझ की पूरी कमी को भी दर्शाता है।

नियम-कानून दिलाए याद

स्पेशल प्रोसीजर मैंडेट होल्डर्स (एसपीएमएच) द्वारा भारत शीर्षक से जारी समाचार पर भारत के स्थायी मिशन ने निराशा और आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एसपीएमएच ने भारत सरकार के जवाब की प्रतिक्षा भी नहीं की और ऐसा बयान जारी कर दिया। भारतीय मिशन ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि एसपीएमएच ने 29 अगस्त को इसी विषय पर जारी एक संयुक्त संचार का जवाब देने के लिए भारत सरकार की 60 दिनों की अवधि की प्रतीक्षा किए बिना प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का फैसला किया।

तथ्यों के आधार पर करें बयान जारी

भारतीय मिशन ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में एसपीएमएच तथ्यों के आधार पर बयान जारी करेगा। मिशन ने कहा कि उम्मीद है कि एसपीएमएच उन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करने से परहेज करेगा, जिनका परिषद द्वारा उन्हें दिए गए जनादेश से कोई प्रासंगिकता नहीं है। साथ ही समाचार विज्ञप्ति जारी करने के लिए स्थापित प्रक्रिया का पालन करेगा और ऐसा करने से पहले भारत सरकार से मांगे गए इनपुट की प्रतीक्षा करेगा। 

भारत एक लोकतांत्रिक देश

भारतीय मिशन ने दोहराया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसमें कानून के शासन और हमारे लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की स्थायी प्रतिबद्धता है। भारतीय कानून प्रवर्तन प्राधिकरण और सुरक्षा बल कानूनी निश्चितता, आवश्यकता, आनुपातिकता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों के अनुसार कानून-व्यवस्था की स्थितियों से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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