भारत-नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों ने बढ़ते कोरोना और उत्तर प्रदेश में हो रहे त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर बैठक की, जिसमें भारत की तरफ से 50 वीं वाहिनी एसएसबी (SSB) एवं नेपाल पुलिस शामिल हुई। नेपाल पुलिस ने बीओपी (बॉर्डर ऑब्जर्वेशन पोस्ट) पर सुरक्षा के इंतजाम को लेकर मीटिंग में मुद्दा उठाया। इस मीटिंग में 24 अप्रैल से भारत नेपाल सीमा को पूरी तरह से बंद करने और आवाजाही रोकने का निर्णय लिया गया है।
एसएसबी(SSB) 50वीं वाहिनी के तहत आने वाली महादेव बुजुर्ग नामक बीओपी (BOP) पर दोनों देशों के सुरक्षा एजेंसियों की बैठक हुई। भारत और नेपाल दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल को फॉलो करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में हो रहे त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव में सुरक्षा के मद्देनजर और किसी भी प्रकार की अवांछित घटना को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच आपसी सामंजस्य अत्यंत जरूरी है।
गैर-आधिकारिक मार्ग भी होंगे सील
50वीं वाहिनी के कार्यवाहक सेनानायक विक्रमजीत के अनुसार दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे पर निर्भर है। बिना दोनों देशों के सुरक्षा एजेंसियों के बेहतर तालमेल के पंचायत चुनाव को सकुशल संपन्न कराना थोड़ा मुश्किल है और नेपाल में भी फिलहाल राजनीतिक माहौल उतना स्थिर नहीं है। इसलिए दोनों देशों को आपस में बेहतर तालमेल स्थापित करना होगा।
पैदल आवाजाही पर भी होगी रोक
वहीं दूसरी ओर, पुलिस उपाधीक्षक (CO) प्रदीप कुमार ने बताया कि 24 अप्रैल से ही भारत नेपाल के सीमा पूर्ण रूप से सील कर दी जाएंगी और पैदल आवाजाही पर भी बंदिश लगा दी जाएगी। इसके अलावा परंपरागत एवं गैर परंपरागत मार्गों पर दोनों देशों के सुरक्षा जवानों की विशेष निगरानी रहेगी। आपको बता दें भारत-नेपाल सीमा के बीच आधिकारिक मार्ग से ज्यादा गैर-आधिकारिक मार्ग हैं, जहां से दोनों देशों के लोग बढ़ी संख्या में आवागमन करते हैं।
एसएसबी(SSB) और आबकारी की टीम ने बॉर्डर पर की गश्त
इस बीच भारत-नेपाल के बढ़नी बॉर्डर पर एसएसबी एवं आबकारी विभाग की टीम ने पंचायत चुनाव की तैयारियों को देखते हुए संयुक्त रूप से गश्त किया। इस दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया। अधिकारियों ने सीमा क्षेत्रों में रह रहे लोगों से अपील भी की कि किसी भी प्रकार की अवैध एवं संदिग्ध गतिविधि का शक होने पर तत्काल सुरक्षा एजेंसियों को इसकी सूचना दें, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाले किसी भी राष्ट्र एवं समाज विरोधी गतिविधियों को समय से पहले रोका जा सके।
भारत-नेपाल सीमा के कुछ तथ्य-
भारत-नेपाल की खुली सीमा दोनों देशों के संबंधों की विशेषता है, जिससे दोनों देशों के लोगों को आवागमन में सुगमता रहती है।
दोनों देशों के बीच 1850 किलोमीटर से अधिक लंबी साझा सीमा है, जिससे भारत के पांच राज्य- सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड जुड़े हैं।
भारत और नेपाल के बीच सीमा को लेकर कोई बड़ा विवाद नहीं है। लगभग 98% प्रतिशत सीमा की पहचान व उसके नक्शे पर सहमति बन चुकी है, कुछ क्षेत्रों को लेकर विवाद है जिसे बातचीत के माध्यम से सुलझाने की प्रक्रिया चल रही है।