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Tuesday, July 1, 2025

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब, कहां- हमारे क्षेत्र पर अवैध कब्जे तुरंत खाली करें

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर की तरफ से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने को लेकर भारत ने पलटवार किया है। काकर ने शुक्रवार को दिए अपने भाषण में कहा था कि कि जम्मू-कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुद्दों में से एक है। उन्होंने कश्मीर को दोनों देशों के बीच शांति की कुंजी बताया था। अब इस पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेतल गहलोत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। उन्होंने पाकिस्तान को घेरते हुए सबसे पहले उससे भारत के अवैध तरीके से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करने के लिए कहा। साथ ही पाकिस्तान से 26-11 हमलों के अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया।

यूएनजीए में क्या बोलीं भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेतल गहलोत ने कहा, “भारत के खिलाफ आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण प्रोपेगैंडा फैलाने के मामले में पाकिस्तान इस अगस्त फोरम के गलत इस्तेमाल का आदतन अपराधी बनता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश और अन्य बहुपक्षीय संस्थानों को अच्छी तरह से पता है कि पाकिस्तान यह सब सिर्फ अपने बेहद खराब घरेलू मानवाधिकार के रिकॉर्ड से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाने के लिए यह सब करता है। हम यह दोहराना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का हिस्सा भारत का अभिन्न अंग हैं और इनसे जुड़े सभी मुद्दे भारत के आंतरिक हैं। पाकिस्तान को भारत के घरेलू मुद्दों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। 

पेतल गहलोत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “एक देश के तौर पर दुनिया में सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देशों में शुमार, खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के मामले में, पाकिस्तान को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठाने से पहले अपने घर को संभालना चाहिए। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का सबसे स्पष्ट उदाहरण अगस्त 2023 में फैसलाबाद जिले के जारनवाला में ईसाई समुदाय के खिलाफ हुई निर्दयता में देखने को मिलता है, जहां 19 गिरजाघरों के साथ ईसाइयों के 89 घरों को भी जला दिया गया।”

इतना ही नहीं पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं की स्थिति, खासकर हिंदू, सिखों और ईसाइयों की स्थिति बेहद खराब है। हाल ही में पाकिस्तान के अपने मानवाधिकार आयोग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि देश में हर साल अल्पसंख्यक समुदाय की अनुमानित 1,000 महिलाओं का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह होता है। पाकिस्तान दुनिया में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित आतंकी संगठनों और लोगों का संरक्षक है।

दक्षिण एशिया में शांति के लिए त्रिस्तरीय कार्रवाई करे पाकिस्तान 
भारत की तरफ से आगे कहा गया, “पाकिस्तान के साथ तकनीकी कुतर्कों में उलझने के बजाय हम उससे मुंबई हमलों के अपराधियों पर विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाी करने की मांग करते हैं। 26-11 के पीड़ित 15 साल बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। दक्षिण एशिया में शांति के लिए जरूर है कि पाकिस्तान जो कार्रवाई कर रहा है, वह तीन हिस्सों में हो। पहला- बॉर्डर पार आतंक फैलाना बंद करे और आतंकवाद से जुड़े अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को तुरंत बंद करे। दूसरा- अवैध तरह से और जबरन कब्जाए गए भारत के क्षेत्रों को खाली करे। तीसरा- पाकिस्तान अपने देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले मानवाधिकार उल्लंघन पर रोक लगाए।”

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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