नई दिल्ली, 3 मई 2025, शनिवार। भारत, एक ऐसी भूमि जहां कहानियां सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि संस्कृति, भावनाओं और संदेशों का जीवंत ताना-बाना हैं। मशहूर निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर ने हाल ही में वेव समिट में यह बात जोर देकर कही कि भारत मनोरंजन की दुनिया में एक मेगा मंच बनने की ओर अग्रसर है। उनकी बातों में उत्साह और विश्वास झलकता है, और क्यों न हो? भारत के पास कहानी कहने की वह अनूठी अदा है, जो विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलती।
भारत की हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति, वैदिक काल से लेकर आज तक, न केवल समृद्ध बल्कि आधुनिकता से भी सराबोर है। यह संस्कृति कहानियों का अथाह खजाना है—ऐसी कहानियां जो मनोरंजन के साथ-साथ समाज को दिशा दिखाती हैं। चाहे वह पौराणिक कथाएं हों, लोककथाएं हों, या आधुनिक सिनेमा की कहानियां, इनका अंदाज भले बदल जाए, लेकिन इनका भाव और एहसास वही रहता है। मधुर भंडारकर ने सटीक कहा कि भारत की बहुआयामी संस्कृति ही उसकी ताकत है। म्यूजिक, एआई, वीएफएक्स और टेक्नोलॉजी के सहारे भारत अपनी इन कहानियों को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।
लेकिन इस चकाचौंध भरे दौर में, जहां पश्चिमी प्रभाव और टेक्नोलॉजी का बोलबाला है, भंडारकर ने एक अहम सलाह भी दी—हमें अपने कंटेंट के प्रति सजग और चयनात्मक होना होगा। सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण है। यह एक ऐसा माध्यम है, जो लाखों दिलों को छूता है, विचारों को आकार देता है और संस्कृति को जीवंत रखता है।
भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए इस मेगा मंच के जरिए, भारत न सिर्फ अपनी कहानियों को विश्व तक पहुंचाएगा, बल्कि पूरी दुनिया को एक सूत्र में पिरोएगा। यह वह क्षण है, जब भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक तकनीक के संगम से विश्व मनोरंजन जगत में एक नया इतिहास रचेगा।