भोपाल, 3 जून 2025, मंगलवार: मध्य प्रदेश में एक वायरल वीडियो ने तहलका मचा दिया, जिसमें एक पुलिस अधिकारी द्वारा पत्रकार के साथ अभद्रता का मामला सामने आया। इस घटना ने न केवल पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया, बल्कि मुख्यमंत्री ने भी पत्रकारों के सम्मान की खातिर कड़ा रुख अपनाया, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए।
क्या था पूरा मामला?
मामला तब शुरू हुआ जब एक पत्रकार, जो निजी काम से अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे थे, वहां डिप्टी एसपी (सीओ) ने उनके साथ बदतमीजी की। सीओ ने पत्रकार से कहा, “तुम्हारे बाप का थाना है जो मुंह उठाकर चले आते हो?” पत्रकार भी कहां चुप रहने वाले थे! उन्होंने तुरंत पलटवार करते हुए कहा, “अगर तुम्हारे बाप का थाना है, तो अपने बाप के नाम की रजिस्ट्री दिखा दो!”
इस जवाब से सीओ तिलमिला गए, लेकिन मामला यहीं नहीं थमा। पत्रकार, जो एक बड़े राष्ट्रीय न्यूज चैनल में संपादक भी हैं, ने इस अभद्रता को गंभीरता से लिया। देखते ही देखते मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पत्रकारों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फूले
पत्रकारों के आक्रोश और वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस महकमा बैकफुट पर आ गया। डिप्टी एसपी से लेकर एसएसपी, सीओ और इंस्पेक्टर तक, सभी ने पत्रकार से माफी मांगने की गुहार लगाई। सीओ ने कहा, “माफ कर दो!” लेकिन पत्रकार ने साफ कहा, “हाथ जोड़ो, तब बात होगी।”
मुख्यमंत्री का सख्त रुख
पत्रकारों की अहमियत को समझते हुए और उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया। सीएम के सख्त रवैये के बाद आनन-फानन में एसएसपी को थाने पहुंचना पड़ा। सीओ को पत्रकार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी, तब जाकर मामला शांत हुआ।
पत्रकार की पहचान ने बदला खेल
दरअसल, सीओ को शायद लगा कि यह कोई स्थानीय पत्रकार है, इसलिए उन्होंने ‘सिंघम’ बनने की कोशिश की। लेकिन जब उन्हें पता चला कि पत्रकार एक बड़े न्यूज चैनल का संपादक है, तो उनकी हेकड़ी निकल गई। यह घटना न केवल पुलिस अधिकारियों के लिए सबक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सत्ता का दुरुपयोग और अभद्रता किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।