देहरादून, 28 मई 2025, बुधवार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कैबिनेट ने उत्तराखण्ड की जनता के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। इनमें उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन कर 10 करोड़ तक के कार्य स्थानीय व्यक्तियों और पंजीकृत फर्मों को सौंपने का फैसला शामिल है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
कैबिनेट ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए क्रय वरीयता नीति को मंजूरी दी है। अब सरकारी निविदाओं में इन समूहों को न्यूनतम दर से 10% तक की वरीयता मिलेगी, जो पहले केवल 5 लाख तक के कार्यों तक सीमित थी। यह निर्णय स्थानीय उत्पादों और मातृशक्ति को आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करेगा।
उत्तराखण्ड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 को भी स्वीकृति दी गई है, जिसका लक्ष्य राज्य को पूंजी निवेश के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी गंतव्य बनाना है। इससे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
कैबिनेट ने योग नीति-2025 को भी मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य योग को आध्यात्मिक साधना से आगे बढ़ाकर सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और पर्यटन-आधारित मॉडल के रूप में विकसित करना है। यह नीति उत्तराखण्ड को योग और वेलनेस का वैश्विक केंद्र बनाएगी, जिससे 13,000 से अधिक रोजगार, 2,500 प्रमाणित योग शिक्षक और 10,000 योग अनुदेशकों के लिए अवसर सृजित होंगे। यह योग पर्यटन और स्वास्थ्य जागरूकता को भी बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय उत्पादों के उत्पादन, विपणन और गुणवत्ता परीक्षण पर जोर देते हुए जल संरक्षण, जल संचय और “एक पेड़ मां के नाम” जैसे कार्यक्रमों के प्रति प्रतिबद्धता जताई।
धामी ने कहा, “राज्य सरकार समग्र विकास और जनता के जीवन स्तर को सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत है। स्थानीय उद्यमों, महिलाओं और नागरिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है। आज के निर्णय, जैसे अधिप्राप्ति नियमों में संशोधन, क्रय वरीयता नीति, मेगा इंडस्ट्रियल नीति और योग नीति-2025, उत्तराखण्ड को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाएंगे। उत्तराखण्ड योग नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है, जिससे युवाओं को रोजगार और जनता को बेहतर स्वास्थ्य के अवसर मिलेंगे।”