वाराणसी, 10 मई 2025, शनिवार। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने उत्तर प्रदेश को हाई अलर्ट पर ला खड़ा किया है। खासकर धार्मिक नगरी वाराणसी, मथुरा और अयोध्या को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। काशी की गलियों से लेकर गंगा घाटों तक, हर कोने पर सुरक्षा बलों की पैनी नजर है। जल, थल और नभ से निगरानी का ऐसा चक्रव्यूह रचा गया है कि परिंदा भी पर न मार सके। ड्रोन की मदद से शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है, और हर गतिविधि को रिकॉर्ड किया जा रहा है।
गंगा घाटों और मंदिरों में कड़ा पहरा
वाराणसी के गंगा घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर सुरक्षा के लिहाज से सबसे संवेदनशील बिंदु बने हुए हैं। यहां पुलिस टीमें 24 घंटे मुस्तैद हैं। शुक्रवार की पूरी रात थानेदार से लेकर डीसीपी तक ने अलग-अलग दस्तों के साथ गलियों में गश्त की। फैंटम गाड़ियों और बाइकों के सायरन ने रातभर शहर को सुरक्षा का संदेश दिया। डीजीपी के सख्त निर्देशों के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता कर दिया गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास 100 से अधिक जवान अलग-अलग शिफ्टों में तैनात हैं, जो सामान्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक है। शनिवार की भोर में 200 जवानों ने फैंटम बाइकों पर सवार होकर शहर से हाईवे तक सुरक्षा का जायजा लिया।
प्रमुख स्थानों पर पांच स्तरीय सुरक्षा
ज्ञानवापी, काशी विश्वनाथ मंदिर, BHEL, GAIL, BLW, बाबतपुर एयरपोर्ट, PMO ऑफिस और कैंट रेलवे स्टेशन जैसे अहम ठिकानों पर सुरक्षा को अभेद्य बनाया गया है। बाबतपुर एयरपोर्ट पर विजिटर और अराइवल पास पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। गेट पर चार चेकिंग पॉइंट्स के साथ पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। एनएसजी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आरपीएफ, पीएसी और एनडीआरएफ की टीमें काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्य प्रमुख स्थानों पर तैनात हैं।
रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर कड़ी निगरानी
कैंट रेलवे स्टेशन पर GRP और RPF ने चप्पे-चप्पे की तलाशी ली। यात्रियों के बैग, ट्रेनों के डिब्बों और प्लेटफॉर्म की गहन जांच की गई। यात्रियों को संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति दिखने पर तुरंत सूचना देने की सलाह दी गई। वहीं, बाबतपुर एयरपोर्ट पर CISF और डॉग स्क्वायड ने टर्मिनल, पार्किंग और पोर्टिको क्षेत्र को खंगाला। टर्मिनल के बाहर का इलाका खाली कराया गया है, और सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
डीएम का बयान: आंतरिक और बाह्य सुरक्षा पुख्ता
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि प्रमुख स्थानों की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाया गया है। खासकर काशी विश्वनाथ मंदिर और एयरपोर्ट पर पांच लेयर की सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। इंडियन ऑयल के गैस प्लांट और 39 GTC (गोरखा ट्रेनिंग सेंटर) जैसे संवेदनशील स्थानों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
शहर में सुरक्षा का एहसास
फैंटम बाइकों के सायरन और गश्त करती पुलिस टीमें शहरवासियों को सुरक्षा का भरोसा दे रही हैं। मंदिर से गोदौलिया, कैंट रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सर्किट हाउस और हाईवे तक जवानों का कड़ा पहरा है। वाराणसी की सड़कों पर गूंजते सायरन और ड्रोन की उड़ानें इस बात का सबूत हैं कि काशी की सुरक्षा किसी भी कीमत पर भेदी नहीं जा सकती।
यह सुरक्षा व्यवस्था न केवल काशीवासियों के लिए, बल्कि देश के हर नागरिक के लिए एक संदेश है कि भारत की आस्था और सुरक्षा के केंद्र अभेद्य हैं।