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Monday, July 7, 2025

आईएमएफ ने पाकिस्तान के विस्तारित कोष सुविधा कार्यक्रम को फिर से बहाल करने को मंजूरी दी

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक मंडल ने सोमवार को पाकिस्तान के विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम को फिर से बहाल करने को मंजूरी दे दी है। इससे नकदी संकट से जूझ रहे देश को 7वीं और 8वीं किस्त के रूप में 1.17 अरब अमेरिकी डॉलर (9300 करोड़ से अधिक) मिलेंगे। बाढ़ के कहर को झेल रहे पड़ोसी मुल्क के लिए ये बड़ी राहत की खबर है।

वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि मुद्राकोष के निदेशक मंडल ने ईएफएफ कार्यक्रम फिर से बहाल करने को मंजूरी दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘हमें 7वीं और 8वीं किस्त के रूप में 1.17 अरब अमेरिकी डॉलर मिलेंगे…मैं इतने कड़े फैसले लेने और पाकिस्तान को चूक से बचाने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं देश को बधाई देता हूं।”

पाकिस्तान और मुद्राकोष ने जुलाई, 2019 में छह अरब डॉलर का समझौता किया था। लेकिन जनवरी, 2020 में यह कार्यक्रम अटक गया और इस साल मार्च में इसे कुछ समय के लिए बहाल किया गया। लेकिन जून में यह फिर पटरी से उतर गया था। लेकिन अब आईएमएफ ने एक अरब डॉलर के अतिरिक्त फंड को भी मंजूरी दे दी है। जिससे ईएफएफ कार्यक्रम के तहत कुल राशि सात अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है और इसका विस्तार जून, 2023 तक कर दिया है।

 

आईएमएफ द्वारा यह कदम चीन और सऊदी अरब सहित चार मित्र देशों से द्विपक्षीय वित्तपोषण में चार अरब अमेरिकी डॉलर के पूरा होने के बाद उठाया गया है, और इससे तत्काल भुगतान का मार्ग प्रशस्त करेगा। आईएमएफ बोर्ड की बैठक सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और चीन द्वारा आईएमएफ को पुष्टि करने के बाद बुलाई गई थी। इन चार देशों ने पुष्टि की कि उन्होंने पाकिस्तान को द्विपक्षीय वित्तपोषण के रूप में चार अरब अमेरिकी डॉलर की व्यवस्था पूरी कर ली है। यह सेवा स्तर समझौता (एसएलए) के तहत सहमत सभी पूर्व कार्रवाइयों को पूरा करने के बाद बेलआउट पैकेज में आखिरी अड़चन थी।

आईएमएफ बोर्ड की मंजूरी से पाकिस्तान में लगातार घटते विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने और पाकिस्तानी रुपये को मजबूत करने और भुगतान के संतुलन को पूरा करने की उम्मीद है। आईएमएफ बोर्ड की बैठक से पहले, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी पर आईएमएफ के साथ समझौते को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपने फायदे के लिए की गई राजनीति से देश के साथ भारी अन्याय होगा।

अप्रैल में इमरान के निष्कासन और आईएमएफ सहायता को लेकर अनिश्चितता के बीच पाकिस्तान की मुद्रा अब तक के सबसे निचले स्तर 240 पर आ गई है। इस महीने की शुरुआत में, न्यूयॉर्क स्थित रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने बढ़ती मुद्रास्फीति और सख्त वैश्विक वित्तीय स्थितियों को देखते हुए पाकिस्तान की दीर्घकालिक रेटिंग को ‘स्थिर’ से बढ़ाकर ‘नकारात्मक’ कर दिया था।

पाकिस्तान के ऊपर आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, चीन और अन्य देशों से मिला कर्ज उसकी कुल जीडीपी का 70 फीसदी तक पहुंच चुका है। यह जानकारी खुद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के कार्यकारी गवर्नर मुर्तजा सैयद ने जुलाई में दी थी। पाकिस्तान के ऊपर इस समय कुल 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज है। इसमें से 18 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पिछले तीन साल के दौरान लिया गया है। लगातार घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार और गोल्ड रिजर्व के कारण पाकिस्तान के लिए इस कर्ज की किस्तें चुकाना भी बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।

आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान में ईंधन का आयात प्रभावित हुआ है। इसका सीधा असर बाजार में महंगाई पर भी देखने को मिल रहा है। बाढ़ के कारण भी महंगाई अचानक तेजी से बढ़ी है। पाकिस्तान के सबसे संपन्न प्रांत पंजाब में रविवार को टमाटर के दाम 500 रुपये प्रति किलोग्राम, जबकि प्याज के दाम 400 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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