नई दिल्ली, 9 मई 2025, शुक्रवार। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता बढ़ रही है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए भारत के सैन्य कदमों को जायज ठहराया। पेंटागन के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने भारतीय सेना की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में सटीक योजना और सक्षमता दिखाई, भले ही कदम उठाने में देरी हुई। दूसरी ओर, पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को अमेरिका ने कड़ा संदेश दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत की सक्षमता
माइकल रुबिन ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देकर इस संघर्ष की नींव रखी। भारत लंबे समय से आतंकवाद का शिकार रहा है। उन्होंने कहा, “शुरुआत में मैं सोच रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देने में इतना समय क्यों लिया, लेकिन अब साफ है कि भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया और अपनी ताकत साबित की।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान अपनी छवि बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहा है, लेकिन उसकी हकीकत सामने आ चुकी है।
मुनीर को अमेरिका की सलाह
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को नसीहत देते हुए रुबिन ने कहा, “गड्ढा खोदने का पहला नियम है कि जब आप गड्ढे में हों, तो खुदाई बंद कर दें।” उन्होंने सुझाव दिया कि इस मसले का कूटनीतिक हल तभी संभव है, जब पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित किया जाए। रुबिन ने कहा कि अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों को तो निशाना बनाया, लेकिन पाकिस्तान को अभी तक आतंक का प्रायोजक राज्य नहीं ठहराया। अब समय है कि पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं।
भारत की तारीफ, पाकिस्तान की नाकामी
रुबिन ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि अमेरिका को भारत का खुलकर साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा, “किसी भी लोकतांत्रिक देश का कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा करे।” दूसरी ओर, उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया और कहा कि जब भी पाकिस्तान भ्रष्टाचार, आर्थिक संकट या नेतृत्व की नाकामी से जूझता है, वह अपने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर लोगों का ध्यान भटकाता है। यह एक असफल देश की निशानी है। इसके उलट, भारत एक ऐसा देश है, जहां सभी नागरिक समृद्धि की राह पर हैं और अपने मुद्दों पर खुली चर्चा करते हैं।