लखनऊ, 21 फरवरी 2025, शुक्रवार। डॉ. रागिनी सोनकर मछलीशहर से सपा की विधायक हैं। रागिनी सोनकर, सपा नेता कैलाश सोनकर की बेटी हैं। रागिनी ने राजनीति की ओर रुख करने से पहले नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, वो एम्स में प्रैक्टिस करती थीं। चुनाव जीतने के बाद से ही रागिनी विधानसभा में अपने क्षेत्र के मुद्दे मजबूती से उठाती रहती हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन समाजवादी पार्टी की विधायक डॉ रागिनी सोनकर ने योगी सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज गरीब और गरीब होता जा रहा है। मेडल क्लास के जेब में पैसे नहीं है, ऐसे में सरकार का यह दावा कई सवाल खड़े करता है।
सपा विधायक के इस सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले आठ साल में सरकार ने 6 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से उबारा है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश का ग्रोथ रेट भी देश में दूसरे नंबर पर है। ये चीजें दिखाती हैं कि प्रत्येक क्षेत्र में बदलाव हुआ है। अकेले महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक वृद्धि करने वाला है। रागिनी सोनकर द्वारा आर्थिक मुद्दे पर उठाए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मैं आपकी पीड़ा समझ सकता हूं, क्योंकि आपके नेता कहते हैं कि भारत कभी विकसित नहीं बन सकता है, आप तो उनका अनुसरण करेंगी ही कि उत्तर प्रदेश कभी भी एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी नहीं बन सकता, यह वक्तव्य आपका आपकी पार्टी की मंशा के हिसाब से उपयुक्त ही है। भारत आज दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। और 2027 में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनकर ही रहेगा।
मुख्यमंत्री ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि माननीय सदस्या ने बहुत महत्वपूर्ण सवाल किया है, लेकिन वे खुद उस प्रश्न को तैयार करके नहीं लाई है। उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश ने एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का लक्ष्य रखा है और देश तीन ट्रिलियन नहीं पांच ट्रिलियन इकॉनमी बनने की और अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री जिस देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए काम कर रहे हैं। इसी तरह हमने भी अपना लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इसके लिए 10 सेक्टर बनाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ सालों में 6 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं. यह तब हो रहा है जब वैश्विकी महामारी से पूरा विश्व आर्थिक मंडी के दौर से गुजरा, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ती रही है। ये चीजें दिखाती हैं कि सभी सेक्टर में बदलाव हुआ है. आज उत्तर प्रदेश के इस पोटेंशियल को हम महाकुंभ से जोड़कर देख सकते हैं।अकेले महाकुंभ से तीन लाख करोड़ से अधिक का लाभ होने वाला है। तो यह कहना कि उत्तर प्रदेश इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगा, ये आपकी दुर्भावना हो सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी और विपक्षी दलों की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने प्रदेश को बीमारू राज्य बनाया था। प्रदेश की अर्थव्यवस्था छठे और सातवें नंबर पर थी, लेकिन मैं आज गर्व से कह सकते हैं कि पिछले आठ वर्षों में हमारी जीडीपी देश में दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार ने 8.10 लाख करोड़ रुपये का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। बजट के बाद अगले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है। सपा के विधायकों की तरफ से मुद्दे उठाए जाने पर सत्ता पक्ष की तरफ से जवाब दिया जा रहा है। इस बार बजट का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स, सामाजिक पेंशन, गरीब, युवा, किसान, धार्मिक पर्यटन और महिलाओं के उत्थान पर रहा।