नई दिल्ली, 24 जनवरी 2025, शुक्रवार। कांग्रेस ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया है कि दिल्ली में उनकी सरकार बनने पर पूर्वांचल के लोगों के लिए अलग मंत्रालय बनाया जाएगा और इसके लिए बजट का प्रावधान भी किया जाएगा। यह मंत्रालय पूर्वांचली लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए काम करेगा, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
कांग्रेस के इस फैसले के पीछे पार्टी नेताओं का मानना है कि पूर्वांचली लोगों की अनदेखी की गई है और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए अलग मंत्रालय की जरूरत है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, सुप्रिया श्रीनेत, कन्हैया कुमार और प्रणव झा ने पूर्वांचली लोगों से जुड़े मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा और अलग मंत्रालय का वादा किया।
कांग्रेस ने यह भी कहा है कि दिल्ली में उनकी सरकार बनने पर छठ का पर्व महाकुंभ की तर्ज पर मनाया जाएगा। यह फैसला पूर्वांचली लोगों की संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अरविंद केजरीवाल जी पूर्वांचल के लोगों को अपमानित करते हैं, जबकि जेपी नड्डा जी उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठियों से तुलना करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूर्वांचल के लोगों के लिए अलग मंत्रालय और बजट बनाने का वादा करती है, ताकि उनकी स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य समस्याओं का समाधान हो सके। यह बयान दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र आया है, जिसमें कांग्रेस पार्टी अपनी जीत के लिए पूर्वांचली मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि पूर्वांचल के लोगों ने देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर वहां के विकास में योगदान दिया है, लेकिन यह शर्मनाक है कि उन्हें उनके अधिकार देने में अन्याय किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने पूर्वांचल के लोगों के लिए अलग मंत्रालय बनाने की घोषणा की है, जो उनके मुद्दों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कन्हैया कुमार ने कहा है कि दिल्ली हमेशा से सभी की रही है, लेकिन चुनाव के समय पूर्वांचलियों को गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा पूर्वांचल के लोगों के साथ-साथ सभी वर्गों का विकास करना है। कांग्रेस पार्टी की गारंटियों में सभी की बात हो रही है, जिसे ‘कांग्रेस का कूपन’ नाम दिया गया है।
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा। मतगणना आठ फरवरी को होगी।