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Friday, May 16, 2025

IAS राजकुमार थापा: एक समर्पित योद्धा, जिसने देश के लिए दी जान

नई दिल्ली, 10 मई 2025, शनिवार। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शनिवार की सुबह उस समय सन्नाटा छा गया, जब पाकिस्तान की ओर से की गई कायराना गोलीबारी ने एक होनहार IAS अधिकारी और तीन नागरिकों की जान ले ली। इस हमले में राजौरी के एडीसी (अतिरिक्त उपायुक्त) राजकुमार थापा अपने घर में थे, जब एक गोला उनके आशियाने पर आ गिरा। गंभीर रूप से घायल थापा को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वे जिंदगी की जंग हार गए। इस दुखद घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया।

एक नन्हा सपना, जो बन गया मिसाल

28 अप्रैल 1971 को जन्मे राजकुमार थापा का जीवन प्रेरणा की एक मिसाल है। उन्होंने न केवल MBBS की डिग्री हासिल की, बल्कि देश सेवा का जुनून उन्हें सिविल सर्विसेज की ओर ले गया। साल 2001 में जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के बाद, 2010 में वे IAS अधिकारी बने। राजौरी में अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण से किया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें प्रशासन में एक सम्मानित नाम दिलाया।

हमले की सुबह और शोक की लहर

पाकिस्तान की ओर से देर रात शुरू हुई गोलीबारी ने सुबह तक भयानक रूप ले लिया। इस हमले में थापा के साथ दो अन्य कर्मचारी भी घायल हुए, जिनकी हालत नाजुक बनी हुई है। घटना की खबर फैलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। लोग सोशल मीडिया और सड़कों पर थापा को श्रद्धांजलि देने लगे, जबकि घायलों के लिए दुआएं मांगी जा रही हैं।

सीएम का दौरा और सरकार का रुख

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तुरंत थापा के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा, “राजौरी से दुखद खबर आई है। हमने एक समर्पित और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी खो दिया। कल ही वे डिप्टी सीएम के साथ जिले में थे और मेरी ऑनलाइन मीटिंग में शामिल हुए थे।” सरकार ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे पाकिस्तान की कायराना हरकत करार दिया है। घायलों के इलाज के लिए हरसंभव मदद का भरोसा भी दिया गया है।

थापा का बलिदान: एक अनमोल नुकसान

राजकुमार थापा सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान थे, जिन्होंने अपनी शिक्षा, समर्पण और देशभक्ति से समाज को नई दिशा दी। MBBS से IAS तक का उनका सफर हर युवा के लिए प्रेरणा है। उनकी शहादत ने एक बार फिर हमें याद दिलाया कि सीमा पर तैनात हमारे नायक कितने बड़े खतरे का सामना करते हैं।

आज, जब राजौरी की गलियां शोक में डूबी हैं, थापा की यादें और उनका योगदान हमेशा जिंदा रहेंगे। यह देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। उनके परिवार के प्रति न्यूज अड्डा इंडिया परिवार की गहरी संवेदनाएं हैं, और हम प्रार्थना करते हैं कि घायल कर्मचारी जल्द स्वस्थ हों।

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