नई दिल्ली, 6 मई 2025, मंगलवार। लखनऊ से दिल्ली तक, IAS कौशल राज शर्मा की नई उड़ान ने हर किसी का ध्यान खींच लिया है। 2006 बैच के इस तेज-तर्रार अधिकारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खास भरोसा हासिल है, और अब वह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपना सचिव नियुक्त किया था, लेकिन पद संभालने से पहले ही दिल्ली ने उन्हें बुला लिया। अब चर्चा है कि कौशल राज शर्मा को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है या फिर दिल्ली की मुख्यमंत्री के सचिव की भूमिका निभा सकते हैं।
कौन हैं कौशल राज शर्मा?
कौशल राज शर्मा का नाम यूपी में कामयाबी और चर्चा का पर्याय रहा है। 2019 से 2022 तक वाराणसी के डीएम और फिर कमिश्नर के रूप में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को आकार देना, सड़कों का चौड़ीकरण, और कोविड-19 के दौरान बेहतरीन प्रबंधन—उनके कामों ने उन्हें देश के टॉप 50 IAS अधिकारियों में जगह दिलाई। लेकिन शायद सबसे दिलचस्प किस्सा है 2020 का, जब उनका ट्रांसफर आधी रात को रुकवाया गया था। तब से ही वह चर्चा का केंद्र रहे हैं।
क्यों है हलचल?
हाल ही में वाराणसी से प्रयागराज ट्रांसफर के बाद उनका कमिश्नर पद बरकरार रखा गया। लखनऊ सचिवालय में वह सहज नहीं दिखे, और अब AGMUT कैडर में प्रतिनियुक्ति के साथ दिल्ली की ओर कदम बढ़ा चुके हैं। सूत्रों की मानें, तो PMO में निदेशक की भूमिका उनकी प्रतीक्षा कर रही है। यूपी कैडर से PMO में फिलहाल कोई चेहरा नहीं है, और ऐसे में कौशल राज का नाम सबसे आगे है।
क्या बनाता है उन्हें खास?
कौशल राज शर्मा का हर कदम रणनीतिक और प्रभावशाली रहा है। वाराणसी में उनके नेतृत्व ने न सिर्फ विकास को गति दी, बल्कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स को भी मजबूती दी। उनकी कार्यशैली और फैसले लेने की क्षमता ने उन्हें नेताओं और जनता के बीच एक भरोसेमंद नाम बनाया है।
अब आगे क्या?
दिल्ली में नई पारी की शुरुआत के साथ सभी की नजरें कौशल राज शर्मा पर टिकी हैं। क्या वह PMO में नई ऊंचाइयों को छुएंगे या दिल्ली की सियासत में नया रंग जमाएंगे? एक बात तय है—यह IAS अधिकारी जहां जाता है, इतिहास रचता है।