वाराणसी, 6 अक्टूबर 2024, रविवार। बीते 12 सितंबर को रामनगर में नए घाट का मीनार गिरने से एक शख्स की मौत के मामले को सीएम योगी ने गंभीरता से लेते हुए लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद परियोजना से जुड़े सहायक परियोजना प्रबंधक और एक जेई को निलंबित कर दिया था। तो वहीं, गंगा का जलस्तर घटने के साथ रामनगर बलुआघाट पर हुए निर्माण में भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रही हैं। यहां शनिवार को महिला स्नानघर की छत भरभराकर गिर गई। यह संयोग ही था कि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। इससे पहले 12 सितंबर को बलुआघाट पर बने मीनार (गजीबो) का गुंबद गिर गया था और उसके मलबे की चपेट में आकर नीचे बैठे चंदौली निवासी मजदूर मेवालाल की मौत हो गई थी। अगस्त में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने पर घाट पर बने स्नानघर की छत गिर गई थी।
गजीबो का गुंबद गिरने की घटना के बाद विपक्षी दलों ने एक बार फिर सरकार को घेरा और कहा कि यूपी में योगी सरकार के भ्रष्टाचार की जड़ें जितनी गहरी, गुंबद के पिलर उतने ही सतही। तभी तो आए दिन भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े निर्माण भरभराकर गिर रहे हैं। इसके बाद भी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के इंजीनियर सचेत नहीं हो रहे हैं। वहीं, स्नानघर की छत गिरने की घटना की जानकारी होते ही घाट पर भीड़ जुट गई। लोग भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाने लगे। रामनगर बलुआ घाट पर पर्यटन मंत्रालय की ओर से 10.50 करोड़ रुपये की लागत से 132 मीटर लंबे घाट का सुंदरीकरण कराया जा रहा है। पर्यटन विभाग ने यूपीपीसीएल को काम सौंपा है जबकि कार्यदायी संस्था मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय है।
गौरतलब है कि, 12 सितंबर की दोपहर गजीबो का गुंबद गिरने से मजदूर मेवालाल और एक कुत्ते की मौत की घटना के तीसरे दिन गंगा में जलस्तर बढ़ जाने के साथ जांच आगे नहीं बढ़ सकी थी। अब गजीबो के अलावा घाट पर हुए अन्य कामों की गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि किस स्तर पर लापरवाही हुई है। हादसे के बाद सुरक्षा को लेकर तीनों गजीबो को तोड़ने का फैसला किया गया है। इसके लिए शनिवार को मजदूर पहुंचे और बांस-बल्ली लगाने लगे। हालांकि मिट्टी गिली होने से मजदूरों को काम करने में परेशानी आई।
सेवानिवृत्त एई तैयार करता है मसौदा
यूपीपीसीएल के एक सहायक अभियंता (एई) सेवानिवृत्त हो गए हैं लेकिन उन्हें सेवा विस्तार मिल गया है। वह अपने हिसाब से विभाग में ठेका टेंडर करवाते हैं। पूरा मसौदा भी वही तैयार करते हैं और अधिकारियों को भी उनके मुताबिक ही चलना होता है।
आइआइटी बीएचयू की रिपोर्ट का इंतजार
जिलाधिकारी एस राजलिंगम की ओर से अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आशुतोष सिंह, सिंचाई विभाग मंडी प्रखंड के अधिशासी अभियंता राजेश यादव, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिशासी अभियंता विनोद राय मौके पर पहुंचे। टीम ने बन रहे पक्का घाट, सीढ़ी, स्टोन छतरी, चेजिंग रूम, फ्लोर के साथ बाउंड्री की एक-एककर गुणवत्ता जांची। गिरे मैटेरियल का नमूना लेने के साथ आइआइटी बीएचयू को जांच के लिए भेज दिया है। जिला प्रशासन को रिपोर्ट आने का इंतजार है।