प्रयागराज, 5 जून 2025, गुरुवार: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के मऊआइमा में एक महिला की जिंदगी उस वक्त बदल गई, जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराई गई नसबंदी विफल हो गई और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। यह सब हुआ डॉक्टरों की घोर लापरवाही के कारण, जिसने न सिर्फ महिला की उम्मीदों को तोड़ा, बल्कि उसे मानसिक और शारीरिक कष्ट भी दिए।
इस चौंकाने वाले मामले में महिला, अनीता, ने न्याय की गुहार लगाते हुए स्थाई लोक अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और डॉक्टरों की चूक को स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ा आदेश दिया। चेयरमैन विकार अहमद अंसारी, सदस्य डॉ. रिचा पाठक और सत्येंद्र मिश्रा की पीठ ने न केवल डॉक्टरों की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि महिला को उचित मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।
कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि अनीता को अनचाही संतान के पालन-पोषण के लिए 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इतना ही नहीं, बच्ची के 18 साल की उम्र या स्नातक होने तक हर महीने 5,000 रुपये का भरण-पोषण खर्च भी प्रदान किया जाए। इसके अलावा, नसबंदी की विफलता से हुए मानसिक और शारीरिक कष्ट के लिए 20,000 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया।
क्या थी पूरी कहानी?
अनीता ने बताया कि उनके पहले से कई बच्चे थे, और वह अब और संतान नहीं चाहती थीं। इसलिए, उन्होंने मऊआइमा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी करवाई। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के सफल होने और भविष्य में गर्भधारण की संभावना खत्म होने का भरोसा दिलाया। लेकिन कुछ समय बाद अनीता को असामान्य लक्षण महसूस हुए। अल्ट्रासाउंड से पता चला कि वह 16 सप्ताह और 6 दिन की गर्भवती हैं। बाद में उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया, जिसने उनकी जिंदगी को और मुश्किल बना दिया।
अदालत की सख्त टिप्पणी
लोक अदालत ने इस घटना को न सिर्फ डॉक्टरों की लापरवाही माना, बल्कि इसे सामाजिक-आर्थिक बोझ भी करार दिया। अदालत ने कहा कि नसबंदी की विफलता ने अनीता को न केवल शारीरिक और मानसिक तकलीफ दी, बल्कि अब उन्हें एक अनचाही संतान का लालन-पालन भी करना पड़ेगा। इस गंभीर चूक के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए अदालत ने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पक्षकार बनाया और सरकार को मुआवजा देने का निर्देश दिया।
यह फैसला न केवल अनीता के लिए न्याय की जीत है, बल्कि उन तमाम लोगों के लिए एक मिसाल है, जो चिकित्सकीय लापरवाही का शिकार होते हैं।