नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025, सोमवार। भारत के उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। यह मामला एक महिला पुलिस अधिकारी द्वारा दायर की गई याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद के खिलाफ बलात्कार और आपराधिक धमकी के आरोप लगाए हैं।
महिला अधिकारी ने आरोप लगाया है कि आनंद ने उनसे शादी का झूठा वादा किया और फिर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए। महिला ने कहा है कि उनकी कुंडली मेल नहीं खाने के कारण शादी नहीं हो पाई।
महिला अधिकारी की शिकायत पर 29 दिसंबर, 2014 को बिहार के कैमूर में महिला थाने में आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद और उनके माता-पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आनंद पर बलात्कार और आपराधिक धमकी के अलावा अन्य आरोप लगाए गए थे, जबकि उनके माता-पिता पर अपराध को बढ़ावा देने का मामला दर्ज किया गया था।
महिला अधिकारी ने आरोप लगाया कि भभुआ में उनकी तैनाती के दो दिन बाद ही तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) आनंद ने सोशल मीडिया के जरिए उनके प्रति दोस्ताना व्यवहार दिखाना शुरू कर दिया। महिला अधिकारी ने आरोप लगाया कि एसपी ने कथित तौर पर उनसे शादी करने की इच्छा जताई, जिस पर उन्होंने (महिला अधिकारी ने) भी हामी भरी। इसके बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए।
हालांकि, पटना उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि महिला काफी समय से आईपीएस अधिकारी के साथ रिश्ते में थी और स्वेच्छा से उसके साथ रही तथा शारीरिक संबंध बनाए। उच्च न्यायालय ने कहा था कि महिला ने अपने बयानों में कई विरोधाभास दिए हैं।
महिला अधिकारी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। उच्चतम न्यायालय ने अब इस मामले में सुनवाई के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से कहा है कि वे याचिका में कुछ सुधार करें।