वाराणसी, 19 जनवरी 2025, रविवार। काशी के सेनिया घराने के प्रसिद्ध सरोदवादक पंडित अमित भट्टाचार्य ने अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। यह निर्णय उन्होंने इसलिए लिया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला था। पंडित अमित भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हमारे सांसद और देश के प्रधानमंत्री हैं। अगर उनकी अनुपस्थिति होगी तो मैं भी नहीं जाऊंगा।” यह बयान उन्होंने रविवार को वाराणसी में दिया है।
पंडित अमित भट्टाचार्य का यह निर्णय न केवल उनकी देशभक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे अपने देश और उसके नेताओं के सम्मान को कितना महत्व देते हैं। यह घटना एक महत्वपूर्ण सवाल भी उठाती है – क्या विदेशी समारोहों में भारतीय नेताओं और कलाकारों को सम्मानित किया जाना चाहिए? और क्या हमें अपने देश के सम्मान के लिए खड़े होने की जरूरत है? पंडित अमित भट्टाचार्य का यह निर्णय न केवल उनकी व्यक्तिगतता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे अपने देश और उसके नेताओं के प्रति कितने समर्पित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण ठुकराया
पंडित अमित भट्टाचार्य ने महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण नहीं मिला है, तो वह भी इस समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष की इज्जत और प्रधानमंत्री की इज्जत उनके लिए सर्वोपरि है। पंडित अमित भट्टाचार्य ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके संसदीय क्षेत्र से हैं, इसलिए उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यूज से पता चला है कि प्रधानमंत्री मोदी को इस समारोह के लिए निमंत्रण नहीं मिला है।
पंडित अमित भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि उन्हें इस समारोह के लिए निमंत्रण मिला है, लेकिन वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे अगर प्रधानमंत्री मोदी इसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि वह अमेरिका नहीं जाना चाहते हैं और बनारस में ही रहना चाहते हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को शुभकामनाएं दी हैं और कहा है कि उनका कार्यकाल अच्छा हो और भारत के साथ सम्बन्ध मजबूत हों।
कौन हैं पं. अमित भट्टाचार्य?
पं. अमित भट्टाचार्य ख्यात सरोद वादक और सेनिया घराने के अग्रणी कलाकार हैं। वह उस्ताद अलाउद्दीन खान के शिष्य पं. ज्योतिन भट्टाचार्य के पुत्र हैं और उस्ताद अलाउद्दीन खान की पुत्री व पं. रविशंकर की पत्नी, विदुषी अन्नपूर्णा के एकमात्र गंडाबंध शिष्य हैं। पं. भट्टाचार्य को “नाद ब्रह्म” का साधक माना जाता है, और उनकी संगीत यात्रा ने उन्हें वैश्विक स्तर पर ख्याति दिलाई है।
पं. अमित भट्टाचार्य को वाशिंगटन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में किया गया था आमंत्रित
पं. अमित भट्टाचार्य को 20 जनवरी को वाशिंगटन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए एक विशेष निमंत्रण मिला था। यह निमंत्रण राष्ट्रपति ट्रंप की शपथ ग्रहण समिति के चेयरमैन डॉ. जे. मार्क बर्न्स की ओर से 7 जनवरी को भेजा गया था। इस आयोजन में विश्वभर के विशिष्ट राजनयिकों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था, जो इस समारोह की महत्ता और वैश्विक स्तर पर इसके प्रभाव को दर्शाता है। पं. अमित भट्टाचार्य को इस आयोजन में आमंत्रित करना उनकी संगीत प्रतिभा और उनके वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त होने का प्रमाण है।
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर हो सकते हैं शामिल
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद, उनके शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ चल रही हैं। इस समारोह में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हो सकते हैं, जो इस आयोजन के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किए गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे, जो एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा। इस समारोह में विश्वभर के विशिष्ट राजनयिकों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है, जो इस आयोजन की महत्ता को दर्शाता है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के इस समारोह में शामिल होने से भारत-अमेरिका संबंधों में मजबूती आने की उम्मीद है। यह आयोजन दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने का अवसर होगा।