वाराणसी, 26 मई 2025, सोमवार। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर आवास पर रविवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको झकझोर दिया। 42 वर्षीय होमगार्ड अमरीका पटेल, जिन्हें प्यार से अंबिका भी बुलाया जाता था, ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह खबर जंगल की आग की तरह फैली और हर कोई स्तब्ध रह गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत उन्हें फंदे से उतारा, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अमरीका की सांसें थम चुकी थीं। उनके शव को पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाया गया, जहां सोमवार को पोस्टमॉर्टम होना है।
बीमारी से टूटा हौसला
फूलपुर थाना क्षेत्र के अमौत गांव के रहने वाले अमरीका पटेल पिछले कई दिनों से बीमारी से जूझ रहे थे। उनके भाई अरविंद ने बताया कि टाइफाइड के बाद से उनकी प्लेटलेट्स में उतार-चढ़ाव की समस्या बनी हुई थी। शायद यही शारीरिक और मानसिक बोझ उनकी जिंदगी पर भारी पड़ गया। अमरीका पिछले तीन दिनों से पुलिस कमिश्नर आवास पर यूपी-112 की ड्यूटी पर तैनात थे। रविवार को उनकी ड्यूटी सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक थी, लेकिन उस रात वह घर नहीं लौटे।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अमरीका के पीछे उनकी पत्नी सरिता, 10 साल की बेटी रितिका और 8 साल का बेटा आदित्य बेसुध छूट गए। तीन भाइयों में सबसे बड़े अमरीका 2011 से होमगार्ड के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनके भाई अरविंद ने बताया, “रविवार सुबह भइया ड्यूटी के लिए निकले थे। देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटे और उनका फोन बंद आने लगा, तो हम घबरा गए। रात ढाई बजे पुलिस का फोन आया कि भइया ने फांसी लगा ली। यह सुनकर हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई।”
खामोश हो गया एक मेहनती सिपाही
पुलिस कमिश्नर के शहर से बाहर होने के बीच यह घटना और भी सवाल खड़े कर रही है। अमरीका की मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा उनके साथियों के बीच चर्चा का विषय रही। लेकिन उनकी भीतर की पीड़ा शायद किसी ने नहीं देखी। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने आसपास के लोगों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर ध्यान देना होगा।