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Friday, November 22, 2024

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की एमबीबीएस की परीक्षा में नकल का हाईटेक तरीका

लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी भविष्य में जिन के हाथों में होगी, वह नकल के सहारे मेडिकल की डिग्री लेने की कोशिश कर रहे हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की एमबीबीएस की सप्लीमेंट्री परीक्षा में एक बार फिर से नकल का हाईटेक खेल पकड़ा गया है। भविष्य के डॉक्टर साहब इस बार कोरोना से बचाव की आड़ में नकल कर रहे थे। एन95 मास्क में डिवाइस लगाकर नकल करते चार मेडिकल छात्रों को पकड़ा गया। दो छात्र परीक्षा से पहले जांच में पकड़े गए। 

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस छात्रों की सप्लीमेंट्री परीक्षा चल रही हैं। परीक्षा के लिए विवि ने खंदारी परिसर स्थित डिपार्टमेंट ऑफ फॉर्मेसी को केन्द्र बनाया है। 9 मार्च से शुरू हुई परीक्षा में शनिवार को सर्जरी-सेकेंड का पेपर था। परीक्षा शुरू होने से पहले जांच के दौरान दो छात्रों को नकल सामग्री के साथ पकड़ा। इसमें एक छात्र एफएच मेडिकल कॉलेज और एक एसएन मेडिकल कॉलेज का था। इसके अलावा जांच के बाद सभी छात्रों को प्रवेश दे दिया गया। परीक्षा शुरू होने के कुछ समय बाद ही इंटरनल फ्लाइंग स्क्वॉड और कक्ष निरीक्षकों ने फिर से जांच शुरू की। इस दौरान तीन छात्राओं और एक छात्र पर कुछ शक हुआ। जांच के दौरान एक छात्र एन95 मास्क में अंदर की तरफ डिवाइस लगाए हुआ था। ये सभी छात्र एफएच मेडिकल कॉलेज के थे। सभी को नकल के नियमों के तहत सेंटर सुप्रीडेंट की ओर से बुक कर दिया गया। केंद्र प्रभारी डॉ. ब्रजेश तिवारी के अनुसार तीन छात्राओं और एक छात्र को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ परीक्षा के दौरान पकड़ा गया था। सभी पर विवि के नियमों के तहत कार्रवाई की गई है। परीक्षा शुरू होने से पहले दो छात्र जांच के दौरान पकड़ में आ गए थे। 

अक्तूबर में भी पकड़ी गई थी हाईटेक नकल, 10 छात्रों पर हुआ था मुकदमा 
विवि के फॉर्मेसी विभाग में अक्तूबर 2020 में एमबीबीएस की परीक्षा के दौरान एफएच मेडिकल कॉलेज के छात्र नकल करते हुए पकड़े गए थे। सभी छात्र इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के सहारे नकल कर रहे थे। नकल करते पकड़े गए 10 एमबीबीएस छात्रों के खिलाफ उस समय विवि ने मुकदमा दर्ज करा दिया था। 

यूएफएम के तहत होगी कार्रवाई 
विवि द्वारा नकल के नियमों के तहत कार्रवाई के बाद यह एक बार फिर से फेल हो जाएंगे। सप्लीमेंट्री परीक्षा दे रहे छात्रों के लिए एमबीबीएस करना अब एक साल और लंबा होना तय है। मामला विवि की यूएफएम (अनफेयरमींस) कमेटी के सामने जाएगा। इसके बाद कमेटी छात्रों को डिबार तक करने का फैसला ले सकती है।प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति ने बताया कि परीक्षा में छात्र डिवाइस के साथ नकल करते हुए पकड़े गए थे। सभी के खिलाफ नकल के नियमों के तहत कार्रवाई की है। पूर्व की परीक्षा में नकल पकड़े जाने के बाद विवि बेहद सख्त और सतर्क है। इसी के चलते छात्रों को टीम ने पकड़ लिया। परीक्षा को शुचितापूर्ण कराने के लिए विवि हर स्तर पर सख्त कदम उठा रहा है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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