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Wednesday, June 25, 2025

भारत में सड़क सुरक्षा को मज़बूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम: 2026 से बिना ABS वाली बाइक पर रोक, दो हेलमेट अनिवार्य

नई दिल्ली, 25 जून 2025: भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक क्रांतिकारी फैसला लिया है, जो दोपहिया वाहन चालकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऐलान किया है कि जनवरी 2026 से देश में बिकने वाली हर नई मोटरसाइकिल और स्कूटर में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा, चाहे उसका इंजन कितना भी छोटा क्यों न हो। इतना ही नहीं, हर नए टू-व्हीलर के साथ दो BIS प्रमाणित हेलमेट देना भी डीलरों के लिए जरूरी होगा—एक राइडर और दूसरा पीछे बैठने वाले के लिए।

सड़क हादसों पर लगेगी लगाम

यह फैसला देश में हर साल होने वाली लाखों सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में उठाया गया है, जिनमें दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी सबसे ज़्यादा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ब्रेक फेल, स्किडिंग और सिर में गंभीर चोट दोपहिया वाहन दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं। ABS और हेलमेट के नए नियम इन जोखिमों को काफी हद तक कम करेंगे।”

नितिन गडकरी का सख्त संदेश: “ज़िंदगी पहले”

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस कदम को सड़क सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद हर भारतीय की जान बचाना है। ABS और दो हेलमेट का नियम लागू करने से हम दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम कर सकते हैं। कीमत बाद की बात है, ज़िंदगी पहले।” गडकरी ने यह भी बताया कि यह निर्णय वाहन निर्माताओं, सुरक्षा विशेषज्ञों और परिवहन अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।

ABS क्या है और क्यों ज़रूरी?

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) एक ऐसी तकनीक है जो अचानक ब्रेक लगाने पर वाहन को फिसलने से रोकती है। तेज ब्रेक लगाने पर टायर लॉक होकर सड़क पर स्किड कर सकते हैं, जिससे राइडर का संतुलन बिगड़ जाता है। ABS यह सुनिश्चित करता है कि ब्रेक लगाने के दौरान टायर घूमते रहें, जिससे वाहन का नियंत्रण बना रहे। विशेषज्ञों के मुताबिक, “ABS ब्रेक को बार-बार रिलीज़ और पकड़कर वाहन को स्थिर रखता है, जिससे हादसों की आशंका कम होती है।”

दो हेलमेट का नियम: सुरक्षा में दोगुना इज़ाफा

नए नियम के तहत हर टू-व्हीलर डीलर को वाहन के साथ दो BIS प्रमाणित हेलमेट देना होगा। यह कदम खास तौर पर पीछे बैठने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है, जो अक्सर हेलमेट पहनने से बचते हैं। मंत्रालय का मानना है कि यह नियम न केवल हेलमेट की उपलब्धता बढ़ाएगा, बल्कि लोगों में इसके इस्तेमाल की आदत को भी प्रोत्साहित करेगा।

उद्योग और ग्राहकों की प्रतिक्रिया

वाहन निर्माता कंपनियों ने इस फैसले का स्वागत किया है, हालांकि कुछ का कहना है कि छोटी क्षमता वाली बाइकों में ABS जोड़ने से उनकी कीमत बढ़ सकती है। वहीं, सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे “सही दिशा में उठाया गया कदम” करार दिया है। दिल्ली के एक बाइक राइडर, ने कहा, “ABS और हेलमेट का नियम बहुत अच्छा है। इससे न सिर्फ हमारी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि सड़क पर आत्मविश्वास भी आएगा।”

आगे की राह

मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में अन्य वाहन श्रेणियों के लिए भी इसी तरह के कड़े सुरक्षा नियम लाए जा सकते हैं। इसके अलावा, हेलमेट पहनने और यातायात नियमों के पालन को लेकर जागरूकता अभियान भी तेज किए जाएंगे।

यह कदम निश्चित रूप से भारत की सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव लाएगा। सवाल अब यह है कि क्या यह नियम समय पर लागू हो पाएंगे और क्या ये वाकई में सड़क हादसों को कम करने में कारगर साबित होंगे?

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