दुनिया में पहली बार वैज्ञानिक बिना शुक्राणु और अंडे के ऐसा कृत्रिम भ्रूण (Synthetic embryo) बनाने में कामयाब रहे हैं, जिसमें न सिर्फ दिल धड़कने लगा है बल्कि पूरा दिमाग भी विकसित हो गया है। यह भ्रूण चूहे की उन ऊतक कोशिकाओं से तैयार किया गया है, जो हृदय, मस्तिष्क समेत अन्य अंगों का निर्माण करती हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, उन्हें इस मॉडल से जीवन के एकदम शुरुआती चरणों की गहन जानकारी हासिल होगी, जो काफी हद तक रहस्य बनी हुई है। साथ ही इसके नतीजों से इंसानों के लिए कृत्रिम अंग बनाने और उनकी मरम्मत की दिशा में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, विशेषज्ञ गर्भावस्था में कुछ भ्रूणों के खराब हो जाने और अन्य के शिशु निर्माण की ओर बढ़ पाने की वजह का पता लगा पाएंगे।
हमारे चूहों के कृत्रिम भ्रूण मॉडल में न सिर्फ हृदय धड़का है बल्कि मस्तिष्क समेत शरीर बनाने वाले अन्य अंग भी विकसित हुए हैं। इस मुकाम तक पहुंचना अविश्वसनीय है। वैज्ञानिक जगत के लिए यह एक सपना पूरे होने जैसा है। -प्रोफेसर जेरोनिका-गोएट्ज, शोधकर्ता , कैंब्रिज यूनिवर्सिटी
नेचर पत्रिका में छपे शोध के मुताबिक, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने स्तनपायी जीवों के शुरुआती विकास के तीन प्रकार के ऊतकों के जरिये प्रयोगशाला में कुदरती प्रक्रिया की प्रतिकृति तैयार की है। यह कोशिकाएं खुद संगठित होकर एक संरचना का निर्माण करती है और इस दौरान चरणबद्ध ढंग से धड़कते हृदय, मस्तिष्क समेत अन्य अंगों का निर्माण होता है।
उतक आधारित कृत्रिम भ्रूण पहले भी तैयार हुए हैं, पर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पहली बार मस्तिष्क के अग्रिम भाग समेत उसके पूर्ण विकास में कामयाबी मिली है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्हें ताजा नतीजे एक दशक से भी ज्यादा समय तक चले शोध के बाद मिले हैं।