हिमाचल प्रदेश में वीरवार शाम पांच बजे से विधानसभा चुनाव प्रचार थम जाएगा और साथ ही पोलिंग पार्टियां भी मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी। ऊंचाई वाले मतदान केंद्रों में बर्फबारी की स्थिति में पोलिंग पार्टियां और चुनाव सामग्री चौपर से भेजी जाएंगी। पांच बजे प्रचार थमते ही पड़ोसी राज्यों से लगतीं सभी सीमाएं भी सील हो जाएंगी। प्रचार के अंतिम दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कांगड़ा के सुलह और पांवटा साहिब में रैलियां करेंगे तो कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सतौन में जनसभा करेंगी और शिमला में रोड शो भी करेंगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की भी रैलियां होंगी। इसके बाद प्रत्याशी डोर-टू-डोर प्रचार करेंगे। कांग्रेस सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में विजय आशीर्वाद रैली निकालेगी। इस रैली की शुरुआत मंदिरों में देवी-देवताओं के आशीर्वाद के साथ करेंगे।
प्रदेश भर में 7,881 मतदान केंद्रों में 12 नवंबर को मतदान होगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि पोलिंग पार्टियां दूरदराज मतदान केंद्रों के लिए 10 और नजदीकी केंद्रों के लिए 11 नवंबर को रवाना होंगी। वीरवार को अमित शाह सुलह विधानसभा क्षेत्र के दैहन और पांवटा साहिब में रैलियां करेंगे। नड्डा फतेहपुर, घुमारवीं और झंडूता, योगी आदित्यनाथ कुल्लू के सैंज, बल्ह के कंसा चौक, नाचन के धनोटू और गगरेट मेें, धामी रोहडू़ के पुजारली, स्मृति ईरानी केलांग, मनाली, सरकाघाट, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के जलोग, फिर कसौली विधानसभा क्षेत्र के धर्मपुर में जनसभाएं करने के बाद जिला हमीरपुर में प्रचार करेंगे।
35 हजार केंद्रीय सुरक्षा बल और हिमाचल पुलिस के जवान तैनात
चुनाव प्रचार थमने के बाद पड़ोसी राज्यों के साथ लगती हिमाचल की सीमाएं सील कर दी जाएंगी। जिला मुख्यालयों और शहरों से सटे क्षेत्रों मेें केंद्रीय सुरक्षा बल और हिमाचल पुलिस के 35,000 जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे। हिमाचल में शराब, नकदी और अन्य नशीले पदार्थ न लाए जा सकें, इसके चलते पुलिस ने सीमा क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है। हर पोलिंग पार्टी के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान रहेंगे।
लाहौल-स्पीति में बर्फ के बीच चुनाव करवाना चुनौती
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। रिहायशी इलाकों में रुक रुककर बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी अधिक हुई तो 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान करवाना अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खासकर स्पीति घाटी में मौसम मुश्किलें पैदा कर सकता है। स्पीति घाटी के अधिकतर पोलिंग बूथ 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र टशीगंग समुद्र तल से 15,256 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। अधिक बर्फबारी होने पर पोलिंग बूथों तक पहुंचने में पोलिंग पार्टियों को दिक्कतें हो सकती है। इसी के मद्देनजर निर्वाचन विभाग ने तैयारियां की है। बर्फबारी होने की स्थिति में पोलिंग पार्टियों को पोलिंग बूथ तक पहुंचाने के लिए आईटीबीपी और एनडीआरएफ के जवान मोर्चा संभालेंगे। बीआरओ की मशीनरियों की मदद से पोलिंग बूथों तक पहुंचने वाले सड़क मार्ग बहाल किए जाएंगे।
लाहौल-स्पीति जिले की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण नेताओं के लिए चुनाव प्रचार करना जितना मुश्किल है, चुनाव प्रक्रिया को पूर्ण करवाना उससे कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है। स्पीति घाटी में सबसे अधिक दिक्कत है। यहां के लिए ईवीएम मशीनें पहले ही हेलिकाप्टर के माध्यम से पहुंचा दी गई है। स्पीति के ज्यादातर पोलिंग बूथ 12 हजार फीट की ऊंचाई पर हैं। ऐसे में अधिक पड़ने वाली बर्फ की वजह से मतदान में दिक्कत पैदा हो सकती है। लाहौल और स्पीति में वोटरों की संख्या 24,744 है। इसके लिए 92 मतदान केंद्र बने हैं, जिसमें करीब 368 पोलिंग अधिकारी व कर्मचारी व्यवस्था को देखेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त लाहौल-स्पीति सुमित खिमटा ने बताया कि मौसम से निपटने के लिए अलग से प्रबंध किए गए हैं। बीआरओ 70 आरसीसी और 94 आरसीसी के साथ संपर्क किया गया है। बर्फबारी अधिक होने की सूरत में तुरंत पोलिंग बूथों के लिए सड़क मार्ग बहाल किए जाएंगे। जहां-जहां बर्फबारी के कारण सड़के अवरुद्ध होने की आशंका रहती है वहां पर मशीनरियां पहले ही पहुंचाई जा चुकी है। 35 फोर व्हील वाहनों की भी पहले ही व्यवस्था कर दी गई है। जरूरत पड़ी तो पोलिंग पार्टियों को फोर व्हील वाहनों में भेजा जाएगा। एनडीआरएफ के जवान भी यहां पहुंच गए हैं जबकि, आईटीबीपी के जवान भी मोर्चा संभालेंगे। इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान के पर्वतारोहियों की भी मदद ली जाएगी।