N/A
Total Visitor
31.1 C
Delhi
Tuesday, August 5, 2025

कानपुर में सीएमओ कार्यालय में हाई-वोल्टेज ड्रामा: निलंबित सीएमओ को पुलिस ने निकाला, नए सीएमओ ने संभाला कार्यभार

कानपुर, 10 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में गुरुवार को करीब साढ़े सात घंटे तक हाई-प्रोफाइल ड्रामा देखने को मिला। यह नाटकीय स्थिति तब शुरू हुई जब निलंबित सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला देकर सुबह कार्यालय पहुंचे और सीएमओ की कुर्सी पर बैठ गए। हालांकि, दोपहर करीब 3:30 बजे वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ के कार्यालय पहुंचने के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।

डॉ. हरिदत्त नेमी को कुछ सप्ताह पहले जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के साथ विवाद के बाद 19 जून को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उनकी जगह डॉ. उदयनाथ को कानपुर का नया सीएमओ नियुक्त किया गया। हालांकि, मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने डॉ. नेमी के निलंबन पर रोक लगाते हुए उन्हें पूर्व पद पर बहाल करने का अंतरिम आदेश दिया। इस आदेश के आधार पर डॉ. नेमी ने बुधवार को कार्यालय में वापसी की और कुर्सी पर कब्जा जमा लिया, जिससे कार्यालय में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।

गुरुवार को भी डॉ. नेमी सुबह 9:30 बजे कार्यालय पहुंचे और अपनी नेमप्लेट लगाकर कुर्सी पर बैठ गए। कर्मचारियों ने उनके पैर छूकर स्वागत किया, लेकिन डॉ. उदयनाथ ने स्पष्ट निर्देश जारी किए कि निलंबित सीएमओ के आदेशों का पालन न किया जाए और न ही उनसे किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए जाएं। दोपहर में स्थिति तब और गंभीर हो गई जब डॉ. उदयनाथ कार्यालय पहुंचे।

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में डॉ. नेमी से करीब आधे घंटे तक बातचीत की गई। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि हालांकि उनके पास हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश है, लेकिन शासन से कोई आधिकारिक पत्राचार नहीं हुआ है। इसके बाद डॉ. नेमी को कार्यालय से बाहर निकाला गया और मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। इसके बाद डॉ. उदयनाथ को आधिकारिक तौर पर सीएमओ की कुर्सी पर बैठाया गया।

डॉ. उदयनाथ ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने तक डॉ. नेमी को किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने या सरकारी संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। दूसरी ओर, शासन ने डॉ. नेमी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है, जिसके लिए निदेशक (प्रशासन), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

यह घटना कानपुर के स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में चल रहे तनाव को उजागर करती है। हाईकोर्ट ने शासन को चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसके बाद इस मामले में और स्पष्टता आने की उम्मीद है।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »