बांग्लादेश में हिदुओ पर अत्याचार के विरोध में व्यापारियों ने दर्ज कराया मौन विरोध
सबसे बड़ी गल्ला और दवा मंडी रही बंद, करोड़ो का व्यापार प्रभावित
वाराणसी। बांग्लादेश में हिंदुओ पर अत्याचार के विरोध में व्यापारियों ने बनारस बंद के आह्वान पर मौन विरोध दर्ज कराया। इस दौरान शहर में दोहरा असर देखने को मिला। शहर के कई हिस्सों में दुकानें बंद रहीं। जबकि कुछ इलाकों में कोई असर नहीं दिखा और दुकानें खुली रहीं। व्यापार मंडलों के संयुक्त आह्वान पर गुरुवार को शहर की प्रमुख मंडियां और प्रतिष्ठान बंद रहे। दूध, दवा, किराना, गल्ला, सब्जी, कपड़ा, फर्नीचर अन्य वस्तुओं की कई दुकानें बंद रहने से लोगों को परेशानी भी हुई। हालांकि हॉस्पिटल के सामने की दवा की दुकानें खुली रहीं। साथ ही शहर के कई इलाकों में अन्य दुकानें भी खुली रहीं। ऐसे में बंद का असर मिला-जुला दिखा।
बनारस बंद का आह्वान करते हुए शाम को सिगरा स्थित रुद्राक्ष से व्यापारियों के समूह ने आक्रोश मार्च निकाला। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की। इसके लिए बुधवार को व्यापारियों ने बैठक कर बनारस बंद और विरोध प्रदर्शन करने की सहमति बनाई थी। गुरुवार की सुबह से ही विशेश्वरगंज, दलहट्टा, गुड़हट्टा, हरतीरथ, मैदागिन, मालवीय मार्केट और सप्तसागर दवा मंडी बंद रही। जगह- जगह व्यापारी मौन प्रदर्शन करते रहे। पूर्वांचल की सबसे बड़ी गल्ला मंडी विशेश्वरगंज बंद होने के कारण वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली और मिर्जापुर से खरीदारी करने आए फुटकर किराना व्यापारियों को वापस लौटना पड़ा। वहीं किराना मंडी बंद होने के कारण लाखों रुपये का व्यापार भी प्रभावित हुआ। उधर मैदागिन स्थित सप्तसागर दवा मंडी भी बंद रही। सप्तसागर दवा मंडी में लखनऊ समेत अन्य जिलों से दवा खरीदने आए दवा कारोबारियों को वापस लौटना पड़ा।