रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड, 15 जून 2025, रविवार: उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ स्थल केदारनाथ धाम के पास रविवार तड़के एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की जान चली गई। यह हादसा गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच हुआ, जहां आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर में सवार पायलट सहित पांच वयस्क यात्री और एक शिशु की इस हादसे में मौत हो गई। इस घटना ने चारधाम यात्रा की हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे का विवरण
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के अनुसार, रविवार सुबह करीब 5:17 बजे आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम से श्रद्धालुओं को लेकर गुप्तकाशी बेस की ओर उड़ान भर चुका था। हेलीकॉप्टर में पायलट राजवीर, पांच वयस्क यात्री और एक 23 महीने की बच्ची सवार थी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, गौरीकुंड के पास गौरी माई खर्क नामक स्थान पर घने कोहरे और तेज हवाओं के कारण हेलीकॉप्टर का संतुलन बिगड़ा और यह जंगल में एक पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया। हादसे के बाद हेलीकॉप्टर में आग लग गई, जिससे सभी सवार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसा सुबह लगभग 5:30 बजे हुआ। उन्होंने कहा, “खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण पायलट को घाटी से बाहर निकलने में कठिनाई हुई, जिसके परिणामस्वरूप यह दुखद हादसा हुआ।”
मृतकों की पहचान
हादसे में मारे गए लोगों की पहचान निम्नलिखित है:
राजवीर (पायलट)
विक्रम रावत (बीकेटीसी कर्मचारी, रासी ऊखीमठ, उत्तराखंड)
विनोद (उत्तर प्रदेश)
तृष्टि सिंह (उत्तर प्रदेश)
राजकुमार जयसवाल (महाराष्ट्र)
श्रद्धा जयसवाल (महाराष्ट्र, 35 वर्ष)
काशी जयसवाल (महाराष्ट्र, 23 महीने की बच्ची)
मृतकों में महाराष्ट्र का एक परिवार, जिसमें एक दंपति और उनकी छोटी बच्ची शामिल थी, के साथ-साथ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के यात्री भी थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन और चुनौतियां
हादसे की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंची। स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में सहयोग किया। हालांकि, दुर्गम जंगली इलाका और खराब मौसम ने रेस्क्यू ऑपरेशन को चुनौतीपूर्ण बना दिया। घने कोहरे और तेज हवाओं के कारण बचाव दल को मलबे तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

जिला पर्यटन विकास अधिकारी और नोडल हेली सेवा अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलीकॉप्टर का मलबा गौरीकुंड से लगभग 5 किलोमीटर ऊपर एक दुर्गम क्षेत्र में बिखरा हुआ था। उन्होंने कहा, “रेस्क्यू टीमें पूरी तत्परता से काम कर रही हैं, लेकिन मौसम की स्थिति कार्य को जटिल बना रही है।”
मुख्यमंत्री का बयान और हेली सेवाओं पर रोक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर लिखा, “जनपद रुद्रप्रयाग में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और अन्य रेस्क्यू दल राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। बाबा केदार से सभी यात्रियों के सकुशल होने की कामना करता हूं।”
हादसे की गंभीरता को देखते हुए यूकाडा और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री धामी ने नागरिक उड्डयन और आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए हैं कि उड़ान से पहले हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की गहन जांच अनिवार्य की जाए और मौसम की सटीक जानकारी के बिना किसी भी उड़ान को अनुमति न दी जाए। साथ ही, उन्होंने एक तकनीकी समिति गठित करने का आदेश दिया, जो हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और संचालन प्रक्रिया की समीक्षा कर नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगी।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
यह कोई पहली घटना नहीं है जब केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई हो। इससे पहले, 7 जून 2025 को क्रिस्टल एविएशन कंपनी के एक हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी, जिसमें पायलट को मामूली चोटें आई थीं, लेकिन सभी यात्री सुरक्षित रहे।
अक्टूबर 2022 में भी आर्यन एविएशन का एक हेलीकॉप्टर केदारनाथ मार्ग पर क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट सहित छह लोगों की मौत हुई थी। उस हादसे का कारण भी खराब मौसम और कोहरा बताया गया था। इसके अलावा, जून 2013, अप्रैल 2018, और अगस्त 2019 में भी केदारघाटी में हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई।
सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
लगातार हो रहे हेलीकॉप्टर हादसों ने चारधाम यात्रा में हेली सेवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उड़ान के लिए उपयुक्त हेलीकॉप्टर, जैसे बेल 407, का उपयोग होने के बावजूद मौसम की अनिश्चितता और ऑपरेटरों द्वारा मानकों की अनदेखी हादसों का प्रमुख कारण है।
डीजीसीए ने हाल के हादसों के बाद हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों की निगरानी बढ़ाने और उड़ानों की संख्या कम करने का फैसला किया है। साथ ही, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो इस हादसे की जांच करेगा ताकि इसके सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।