नई दिल्ली, 15 जुलाई 2025: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए अगले सप्ताह की तारीख तय की है, जिसमें 105 कम नामांकन वाले प्राथमिक स्कूलों को मर्ज करने का आदेश दिया गया था। याचिकाकर्ता ताइय्यब खान सालमानी के वकील प्रदीप यादव ने दलील दी कि यह कदम संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह मामला नीतिगत निर्णय से संबंधित है, लेकिन यदि सरकार स्कूल बंद कर रही है, तो इसकी न्यायिक समीक्षा आवश्यक है। कोर्ट ने याचिका को अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। इससे पहले, 7 जुलाई 2025 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि स्कूलों का विलय शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए वैधानिक और आवश्यक है।
इस मामले में अगली सुनवाई में कोर्ट के रुख पर सभी की नजरें टिकी हैं।