वाराणसी, 10 दिसंबर 2024, मंगलवार। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाना के मामले की आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच द्वारा दोपहर 2 बजे यह सुनवाई की जाएगी। हिंदू पक्ष ने वजूखाने के संरक्षित क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता राखी सिंह हैं, जो इस मामले में वादी हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि वजूखाना क्षेत्र में शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे एक फव्वारा मानता है। पहले वाराणसी जिला जज ने एएसआई को वजूखाने का सर्वे करने का निर्देश देने से मना कर दिया था, जिसके बाद हिंदू पक्ष ने हाई कोर्ट में अपील की है।
ज्ञानवापी वजूखाना विवाद
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी जिला जज के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। यह आदेश 2 दिसंबर को दिया गया था और सुनवाई 10 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। बता दें, वाराणसी जिला जज ने 21 अक्टूबर 2023 को आदेश दिया था कि वजूखाना क्षेत्र का सर्वे नहीं किया जाएगा। हिंदू पक्ष ने याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि वजूखाना क्षेत्र का सर्वे जरूरी है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि वहां धार्मिक स्थल का स्वरूप क्या है। हिंदू पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत गैर-आक्रामक तरीकों से वजूखाने का सर्वे किया जा सकता है। लेकिन, जिला जज ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को आदेश दिया था कि उस क्षेत्र को संरक्षित किया जाए, जहां ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया गया है।
वाराणसी मस्जिद विवाद: एएसआई सर्वे के बाद क्या होगा अगला कदम?
वाराणसी जिला कोर्ट ने जुलाई 2023 में एएसआई को आदेश दिया था कि वह काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मस्जिद के क्षेत्र का वैज्ञानिक सर्वे करे। इस सर्वे में खुदाई भी शामिल हो सकती है ताकि यह पता चल सके कि मस्जिद किसी प्राचीन मंदिर के ऊपर बनी है या नहीं। हालांकि, वजूखाना का सर्वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत नहीं किया जा सकता क्योंकि इसे संरक्षित क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है। इस मामले में अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है और इसके बाद इस मुद्दे पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।