नई दिल्ली, 29 मार्च 2025, शनिवार। बागेश्वर धाम के चर्चित पंडित धीरेंद्र शास्त्री हाल ही में एक निजी न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी बेबाकी और जोश से सभी का ध्यान खींचा। सवालों के जवाब में वे न सिर्फ आत्मविश्वास से भरे नजर आए, बल्कि इतिहास से लेकर वर्तमान तक के मुद्दों पर अपनी राय को बिना हिचक रखा। औरंगजेब से लेकर अंग्रेजों की हुकूमत तक, हर सवाल पर उन्होंने अपने तर्कों को मजबूती से पेश किया।
डिबेट के दौरान उनसे पूछा गया कि जब वे हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, तो क्या भारत को कॉमनवेल्थ ग्रुप से बाहर निकल जाना चाहिए? सवाल में अंग्रेजों के अत्याचारों का जिक्र था, जिन्होंने भारत पर सालों तक जुल्म ढाए। इस पर धीरेंद्र शास्त्री थोड़ा असहज जरूर दिखे, लेकिन उन्होंने अपने अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि भारत को कॉमनवेल्थ में बने रहना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि अंग्रेजों ने जो गलतियां कीं, उनके निशानों को भारत लगातार सुधार रहा है। “हम नवनिर्माण कर रहे हैं, बदलाव ला रहे हैं। कॉमनवेल्थ एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि कई देश प्रगति के लिए साथ आते हैं। आज के अंग्रेज भी अपनी भूल समझ चुके हैं और सुधार की राह पर हैं,” उन्होंने कहा।

लेकिन बात यहीं नहीं रुकी। औरंगजेब का जिक्र आते ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जोश दोगुना हो गया। उन्होंने कहा कि औरंगजेब और उसके खानदान ने कभी अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं किया, फिर भी उसे कुछ लोग हीरो और महान बताते हैं। वे गरजे, “इस देश में बाबर, अकबर या औरंगजेब महान नहीं हैं। इस देश के असली हीरो हैं रघुवर, छत्रपति शिवाजी, संभाजी और स्वामी विवेकानंद। हमारी पूजा की व्यवस्था पहले से है, हमें दूसरों की ओर तभी देखना चाहिए जब अपने पास कुछ कम पड़ जाए।”
उनके इस जवाब ने डिबेट में एक नया रंग भर दिया। जहां एक तरफ वे भारत के वैश्विक मंच पर बने रहने की वकालत करते दिखे, वहीं दूसरी ओर देश के गौरवशाली इतिहास और नायकों को सम्मान देने की बात पर अड़े रहे। धीरेंद्र शास्त्री का यह अंदाज न सिर्फ उनके अनुयायियों को पसंद आया, बल्कि बहस को भी एक नई दिशा दी।