जयश्री कुमारी
मृतका के परिवार की व्यथा सुनने के बाद राहुल गांधी ने डीएम, एएसपी व एसडीएम सदर को मौके पर बुलाया। हैरानी की बात यह रही कि सुरक्षा व्यवस्था में लगे सभी अधिकारी राहुल के बुलाने के बावजूद पीड़िता के आवास पर नहीं पहुंचे। करीब 10 मिनट तक राहुल गांधी ने अधिकारियों के आने का इंतजार किया।
इसके बाद राहुल की टीम में शामिल नेताओं ने फोन कर अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन किसी भी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया। राहुल गांधी की टीम के सदस्य सुशांत ने बताया कि पीड़ितों की व्यथा सुनने के बाद स्थानीय स्तर की समस्याओं के निदान के लिए अधिकारियों को बुलाया गया था, लेकिन कोई भी नहीं अधिकारी नहीं आया है। यहां तक कि फोन के जरिये भी वार्ता नहीं हो सकी है।
पीड़ितों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार, डर के साये में चंदपा की बिटिया का परिवार
राहुल गांधी ने चार साल पहले हुए चंदपा के बिटिया प्रकरण में पीड़ित परिजनों से मिले। करीब 40 मिनट तक उन्होंने पीड़ित परिवार से बात की और उसके बाद लौट गए। देर शाम उन्होंने अपने एक्स एकाउंट से एक पोस्ट की, जिसमें कहा है कि बिटिया के परिजनों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, वह डर के साये में रह रहा है। यह घटना भाजपा के दलितों पर अत्याचार की सच्चाई है।
राहुल गांधी की इस मुलाकात के बाद यह प्रकरण फिर से तूल पकड़ता दिख रहा है। एक्स पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि हाथरस जाकर चार साल पहले हुई शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिवार से मिला। इस दौरान परिवार ने जो बातें बताईं उसने मुझे झकझोर दिया है। परिवार के सदस्य स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते हैं, उन्हें हर समय बंदूक और कैमरों की निगरानी में रखा जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उनसे जो वादे किए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। न तो सरकारी नौकरी दी गई और न ही उन्हें किसी दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा पूरा किया गया है।
पीड़ित परिवार को न्याय देने के बजाय, सरकार उन पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। इस परिवार की हताशा और निराशा भाजपा द्वारा दलितों के ऊपर किए जा रहे अत्याचार की सच्चाई को दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि हम इस परिवार को यूं ही इनके हाल पर रहने को मजबूर नहीं होने देंगे। इन्हें न्याय दिलाने के लिए हम पूरी ताक़त के साथ लड़ेंगे।