लखनऊ/सुलतानपुर: हिज़बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरल्लाह की मौत के बाद शिया समुदाय में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। लखनऊ के छोटे इमामबाड़ा से बड़े इमामबाड़ा तक हजारों शिया मुसलमानों ने विरोध मार्च निकाला। लोगों ने हाथों में नसरल्लाह की तस्वीरें लेकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और इज़राइल के प्रधानमंत्री का पोस्टर जलाकर अपना विरोध जताया।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने नसरल्लाह को एक सशक्त शिया नेता बताया, जिन्होंने फिलिस्तीन और लेबनान के उत्पीड़ितों का समर्थन किया था। शिया समुदाय के लोग इस्राइल को उनकी मौत के लिए ज़िम्मेदार मानते हुए लगातार विरोध कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी बोले: ‘यह हमारे लिए ब्लैक डे है’
शिया समुदाय के एक सदस्य जैदी ने कहा, “आज का दिन हमारे लिए ब्लैक डे है। नसरल्लाह ने शिया समाज और मानवता के लिए बड़े काम किए हैं। उन्होंने ISIS के हमलों के दौरान इमाम अली की बेटी हजरत ज़ैनब के दरगाह की सुरक्षा की थी। हम नसरल्लाह को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ इज़राइल के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं।”
सुलतानपुर में भी निकला जुलूस
सुलतानपुर में भी अल्पसंख्यक समुदाय ने बड़े इमामबाड़ा से एक विरोध जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इज़राइल और अमेरिका की नीतियों के खिलाफ यह विरोध है, और यह आतंकवाद के खिलाफ शांति और न्याय की लड़ाई है।
तीन दिनों का शोक और काले झंडे
मौलाना यासूब अब्बास ने हसन नसरल्लाह की मौत को एक “अपूरणीय क्षति” बताते हुए इज़राइल की आलोचना की। उन्होंने कहा, “शिया समुदाय तीन दिन का शोक मनाएगा और अपने घरों की छतों पर काले झंडे लगाएगा। हम संयुक्त राष्ट्र से अपील करते हैं कि वह इज़राइल पर दबाव डाले ताकि वह अपनी आक्रामकता को रोके।